भारत ने पहली बार रविवार को इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया. रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मिसाइल का निर्माण दुश्मन की ओर से मिसाइल हमले से बचाव के लिए किया गया है. यह मिसाइल 100 किमी से अधिक की ऊंचाई से दागी गई दुश्मन की मिसाइल से बचाने में कारगर हो सकती है.
एडवांस एयर डिफेंस (एएडी) की पहली स्वदेश निर्मित इंटरसेप्टर मिसाइल ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर दूर भद्रक जिले में धमरा बंदरगाह के करीब ह्वीलर द्वीप से प्रक्षेपित की गई. प्रक्षेपित मिसाइल सामने से छोड़ी गई बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट करने में कामयाब रही, जिसे ह्वीलर द्वीप से 70 किलोमीटर दूर बालासोर जिले में चांदीपुर प्रक्षेपण केंद्र से परीक्षण के लिए छोड़ा गया था.
परीक्षण रेंज के निदेशक एम. वी. के. वी. प्रसाद ने बताया, 'परीक्षण सफल रहा है. पहली बार हमने एक्सो-एटमोसफेरिक इंटरसेप्टर का सफल प्रक्षेपण किया.'
डीआरडीओ के प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि यह परीक्षण 120 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक्सो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन की क्षमता को परखने के लिए किया गया और परीक्षण सफल रहा. उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षण के लिए नई इंटरसेप्टर और बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रयोग किया गया.