यूनाइटेड नेशन ने डिजिटल प्लेटफार्म के सही इस्तेमाल पर भारत सरकार की पीठ थपथपाई है. उसने कहा है कि भारत सरकार ने अपने नागरिकों के बीच आर्थिक भेदभाव को खत्म करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का सही उपयोग किया है.
यूनाइटेड नेशन (संयुक्त राष्ट्र) का डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल अफेयर्स (DESA) ने वर्ल्ड सोशल रिपोर्ट 2020 प्रकाशित की है. इसमें भारत सरकार की सराहना की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने गरीबी को कम करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का बखूबी इस्तेमाल किया. इसके लिए भारत सरकार ने वर्ष 2014 में बैंकों को निर्देश दिया कि जिनके पास अकाउंट नहीं हैं, वैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों का अकाउंट खोला जाए. इसके बाद बैंक अकाउंट को आधार कार्ड से जोड़ा गया.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद 2017 तक देश के 80 फीसदी बालिग लोगों के पास बैंक अकाउंट हो गया. यह विकासशील देशों के औसत 63 फीसदी से काफी ज्यादा है. आधार कार्ड से बैंक अकाउंट को जोड़ा गया. इसके बाद सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों के बैंक अकाउंट में भेजा जाने लगा. इससे भारत में गरीबी कम करने में काफी मदद मिली. भारत सरकार की योजनाओं से आर्थिक क्षेत्र में विषमता कम हुई. गरीबों की सामाजिक सुरक्षा मजबूत हुई और हेल्थ प्रोग्राम को मजबूती मिली. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दुनिया के अन्य विकासशील देशों को इसे अपनाने की जरूरत है.
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बता दें कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत 2014 में की थी. इसके बाद जनधन खातों में जमा राशि 1 ट्रिलियन रुपये के पार पहुंच गया था. वित्त मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक 3 जुलाई तक इस योजना के तहत खोले गए 36.06 करोड़ खातों में 1,00,495.94 करोड़ रुपये जमा थे. प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी.
क्या है जनधन खाते की विशेषता
पीएमजेडीवाई के तहत खोला गया खाता मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता है. इसके साथ रूपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है. इस खाते में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. अबतक 28.44 करोड़ खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किये गए हैं. योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गये खातों के लिये दुर्घटना बीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है. इसके साथ ओवरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी कर 10,000 रुपये कर दी गई है.
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इसके पहले दिसबंर 2018 तक देश में 32 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले जा चुके थे. 28 करोड़ से अधिक खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किये जा चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की घोषणा की थी, और इसे 28 अगस्त 2014 को लॉन्च किया गया. इसका मकसद सभी परिवार को बैंक सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना था.