पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है. पाकिस्तान आतंकियों को फंड देता है. पाकिस्तान की सरजमीं पर दहशतगर्द खुलेआम घूमते हैं. पाकिस्तानी सेना भारत को हिलाने के लिए आतंकियों का साथ देती है, उन्हें बॉर्डर से भारत में दाखिल कराती है. दुनिया की सबसे बदनाम सेनाओं में शुमार पाकिस्तानी आर्मी भारत की सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन करती है. आतंकवाद के नाम पर दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका पाकिस्तान हर वो हरकत करता है, जो भारत को नुकसान पहुंचाने वाली हो.
भारतीय सेना ने अब अपना गियर बदल दिया है. सेना के जवान 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कई मोर्चों पर पाकिस्तान को उसकी असली ताकत का अहसास करा चुके हैं. बावजूद इसके पाकिस्तान बाज आता नहीं दिख रहा है. भारत में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सरकार को मिल रहे समर्थन से भी पाकिस्तान बेपरवाह नजर आ रहा है.
28 सितंबर, 2016 की वो रात जिसने भारतीय सेना के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया. पठानकोट एयरबेस पर पाक पोषित आतंकियों के हमले में 19 जवानों की शहीद हुए और उनकी शहादत का बदला लेने सेना के स्पेशल कमांडो पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए. भारतीय जवानों ने एलओसी पार जाकर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई और सकुशल अपने वतन की सीमा में वापस आ गए.
मई 2017 में भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने जज्बे का नमूना पाकिस्तान और पूरी दुनिया को दिखाया. भारतीय सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि उनके जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसपैठियों को आसरा देने वाली चौकियों को तबाह कर दिया.
सिर्फ सीमा पर एक्शन से ही नहीं, बल्कि बयानों में भी भारत पाकिस्तान को नसीहत दे रहा है, उसे आगाह कर रहा है. भारत के आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत कई मौकों पर पाकिस्तान को चेता चुके हैं कि बाज आ जाइए, नहीं तो फिर सर्जिकल स्ट्राइक होगी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने बयानों में सख्त लहजा जाहिर करते रहे हैं. देश में सीमा पर पाकिस्तान की हरकत को हर मुमकिन जवाब के साथ हर मौके पर करारा जवाब देने की राय सामने आती रही है. यूनाइटेड नेशंस समेत दुनिया के कई मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. उसका सबसे बड़ा मददगार अमेरिका भी आतंकी गतिविधियों से बाज न आने के चलते आर्थिक मदद पर पाबंदियां लगा रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तानी बदगुमानी का शिकार दिखाई देता है और भारत में अशांति फैलाने का हर हथकंडा अपना रहा है.
पाकिस्तान की करतूत के सबूत
पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर 2017 में 860 से अधिक बार सीज़फायर उल्लंघन किया, वहीं 2018 में ही 160 से अधिक बार सीज़फायर तोड़ चुका है. सीमापार से गोलीबारी में 2014 में 51 जवान शहीद हुए. जबकि सीमा समेत घाटी के दूसरे इलाकों में सुरक्षाबलों ने 110 आतंकियों को ढेर किया. 2015 में 41 सैनिक शहीद हुए और 113 आतंकियो को ढेर किया गया.
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2016 में सुरक्षाबलों ने अपने 88 जवान गवां दिए लेकिन 165 आतंकियों का खेल भी तमाम हुआ. साल 2017 में 83 जवानों की शहादत हुई, जबकि ऑपरेशन ऑलआउट में 218 आतंकियों को मार गिराया गया. 2018 में 4 फरवरी तक सेना के कैप्टन समेत 8 जवान शहीद हुए हैं. वहीं सेना ने 10 आतंकियों को ढेर कर दिया है.
सीमा पर भारतीय जवानों की शहादत का पुरजोर तरीके से बदला लिया जा रहा है. लेकिन ये भी सच है कि बॉर्डर पर पाकिस्तान की हरकतों में तेजी आई है. जो दिखाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े ऑपरेशन से पाकिस्तान ने कुछ नहीं सीखा है और वो अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की हर मुमकिन साजिश कर रहा है. यही वजह है कि भारत में एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक की मांग उठने लगी है.