भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. अहम बात ये है कि इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी भारत सरकार का समर्थन किया है.
कांग्रेस ने कहा कि यह भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का ‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’ प्रयास है. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले पर भारत सरकार ने जो रुख अपनाया है, वह पूरी तरह से उसके साथ है.कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अखंड और अभिन्न अंग है. यह रिपोर्ट निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है. इस रिपोर्ट को हम खारिज करते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में बिना किसी जानकारी के यह रिपोर्ट तैयार की. यह रिपोर्ट जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे मिलिटेंट संगठनों के आतंकवाद को कैसे उचित ठहरा सकती है?’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या संयुक्त राष्ट्र को भारतीय सरजमीं पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर गौर नहीं करना चाहिए?’
कांग्रेस के एक अन्य सीनियर नेता राजीव शुक्ला ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, 'यह रिपोर्ट तथ्यों से परे है. ऐसा लगता है कि रिपोर्ट को कश्मीर की स्थिति के बारे में जाने बिना तैयार कर दिया गया. इस रिपोर्ट की हम निंदा करते हैं. इस पर सरकार का जो रुख है, कांग्रेस उसके साथ है.'इससे पहले भारत सरकार ने कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट को ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.
बता दें कि आज जारी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही है और इस बारे में अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है.