दो यात्री जहाजों के अलावा दो युद्धपोतों और भारतीय नौसेना के एक तटीय गश्ती जलपोत को सेवा में लगाया गया है वहीं भारतीय वायु सेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा है. एयर इंडिया ने यमन की राजधानी सना से भारतीयों को जिबूती पहुंचाने के लिए मस्कट में 180 सीट वाले दो एयरबस ए320 विमानों को तैयार रखा है. संबंधित अधिकारियों को इसकी मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा.
रक्षा सूत्रों ने कहा कि अदन की खाड़ी में जलदस्यु विरोधी अभियानों में शामिल तटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को अदन में फंसे कम से कम 400 भारतीयों को जिबूती ले जाने के लिए यमन की ओर रवाना किया गया था. आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई और रडार की पहुंच से बाहर रहने वाले आईएनएस तर्कश को रवाना किया गया है जो शनिवार तक यमन पहुंचेंगे. कवारत्ती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं.
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को कहा कि संकटग्रस्त यमन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाना सरकार की जिम्मेदारी है और उन्होंने भरोसा जताया कि उन सभी लोगों को सुरक्षित लाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर काम कर रहा हूं और मैं विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में हूं. यमन में हमारे दूतावास से पहले ही तीन बार बैठकें हो चुकी हैं.’ यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंगलवार की कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा और संकटग्रस्त यमन से भारतीयों को वापस लाना सरकार की जिम्मेदारी है.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए व्यवस्था कर रही है लेकिन उसे तेजी से काम करना चाहिए. खडगे ने कहा कि गांधी शांति फाउंडेशन पुरस्कार के दिन उन्होंने यह मुद्दा प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया था और उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इसमें त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. खडगे ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकार और विपक्ष को मिलकर कार्य करने की जरूरत है.
गौरतलब है कि यमन के विभिन्न प्रांतों में करीब 3500 भारतीय फंसे हैं. उनमें से ज्यादा नर्सें हैं.
इनपुट: भाषा