देश के कट्टर दुश्मन दाऊद इब्राहिम, जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद पर केंद्र सरकार सख्ती बरतने के मूड में है. संयुक्त राष्ट्र का सदस्य होने के नाते भारत पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम, जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद की संपत्ति जब्त करने की मांग करेगा.
लखवी, सईद और जकीउर रहमान तीनों ही संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की अलकायदा प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल हैं, जिसके मद्देनजर इस्लामाबाद पर संपत्ति को जब्त करने के लिए दबाव बनाया जा सकता है. यूएनएससी की अलकायदा और तालिबान सेक्शन कमेटी ने तीनों पर ही प्रतिबंध लगाया हुआ है.
सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, 'यूएन का सदस्य देश होने के नाते ये पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो इन तीनों की संपत्ति जब्त करे. हम इस बारे में पाकिस्तान को इन तीन आतंकियों की संपत्ति जब्त करने के लिए औपचारिक पत्र भेजने वाले हैं.'
UN के प्रस्ताव पर गठित हुई थी कमेटी
इस कमेटी की स्थापना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1264 (1999) के आधार पर की गई थी. यह कमेटी सुरक्षा परिषद का एक सहायक अंग है, जो सदस्य देशों द्वारा तीन प्रतिबंधकारी उपायों के क्रियान्वयन किए जाने पर नजर रखती है. ये प्रतिबंधकारी उपाय हैं- संपत्ति की जब्ती, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध.
सूची में शामिल लोगों पर लगता है प्रतिबंध
ये प्रतिबंध अलकायदा से जुड़े उन लोगों और संगठनों के खिलाफ लगाए जाते हैं, जिन्हें कमेटी ने अपनी प्रतिबंध सूची में शामिल किया होता है. भारत यह कहता रहा है कि वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का प्रमुख आरोपी दाऊद पाकिस्तान में है. हालांकि इस्लामाबाद इस बात को नकारता रहा है.
लखवी को पाक कोर्ट ने किया था रिहा
हाफिज सईद पाकिस्तान में पूरी आजादी से घूमता है जबकि लखवी को पिछले माह रावलपिंडी जेल से रिहा कर दिया गया. वह पाकिस्तान में ही रह रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में दाउद को वर्ष 2003 में, सईद को वर्ष 2008 में और लखवी को वर्ष 2008 में डाला गया था. भारत की ओर से पत्र कूटनीतिक माध्यम से भेजे जाने की संभावना है.