भारत इजराइल से अब ऐसे ड्रोन्स खरीदने की प्लानिंग में है जिन्हें हथियारों से लैस किया जा सके. सेना का मानना है कि इनसे वक्त पड़ने पर ना सिर्फ दुश्मनों पर वार करना आसान होगा बल्कि जवानों की जान को भी खतरा कम हो जाएगा.
वैसे तो पिछले तीन साल से इजराइली हेरोन्स को खरीदने की तैयारी चल रही है. लेकिन जैसे ही पाकिस्तान और चीन ने अपनी युद्ध की क्षमता बढ़ाने के लिए खुद के ड्रोन्स बनाने शुरू किए, भारतीय सेना ने भी कमर कस ली. मिली जानकारी के अनुसार इसी साल जनवरी में सेना ने सरकार को चिट्ठी लिखकर ड्रोन्स खरीदने की अपील की थी.
सितंबर में सरकार ने एयरफोर्स की 10 हेरोन्स टीपी ड्रोन्स की मांग को मंजूरी दे दी. एयरफोर्स के अधिकारी ने कहा कि इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के साथ जल्द कागजी कार्रवाई भी पूरी कर ली जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक इस डील में 400 मिलियन डॉलर खर्च होंगे. हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इसपर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.
भारत ने जम्मू कश्मीर के विषम इलाके और चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले से ही इजराइल से खरीदे अनमैन्ड एरियल वेहिकल (UAVs) तैनात कर रखे हैं.