थाईलैंड के साथ जनसंपर्क को बढ़ावा देने के मकसद से यहां के एक विश्वविद्यालय में हिंदी के लिए पीठ की स्थापना की जाएगी, जहां भारतीय अध्ययन में बीए कार्यक्रम उपलब्ध होगा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी थाई समकक्ष यिंगलक शिनावात्रा के बीच बातचीत के बाद जारी साझा बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने सिलपाकोर्न विश्वविद्यालय में संस्कृत के अध्ययन के लिए आईसीसीआर चेयर के योगदान को लेकर संतोष प्रकट करते हुए थम्मासत विश्वविद्यालय में हिंदी के लिए आईसीसीआर पीठ स्थापित करने के फैसले का स्वागत किया. थम्मासत विश्वविद्यालय की स्थापना 1934 में की गई थी. यह उच्च शिक्षा से संबंधित यहां का दूसरा सबसे पुराना संस्थान है.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने शैक्षणिक सहयोग के महत्व को स्वीकार करने के साथ ही सभी स्तर पर छात्रों के आदान प्रदान को लेकर बढ़ावा देने पर सहमति जताई.
दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क को द्विपक्षीय संबंध का केंद्र करार देते हुए दोनों नेताओं ने थाईलैंड- इंडिया एक्सचेंज प्रोग्राम स्थापित किए जाने का स्वागत किया. सिंह और यिंगलक ने सांसदों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों के बीच भी आदान प्रदान बढ़ाने पर सहमति जताई.
पहले मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘हमने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति और जनता के बीच आदान प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग में सुधार पर जोर दिया है. इनसे दोनों देशों के लोगों को कई मायनों में साथ लाने में मदद मिलेगी. हम बैंकॉक में बुद्ध कला पर जल्द ही एक बड़ी प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहे हैं.’