देश के 65वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रविवार को नई दिल्ली में ऐतिहासिक राजपथ पर भव्य परेड के दौरान हाल में हासिल किए गए अत्याधुनिक रक्षा साधनों और सैन्य क्षमता के अलावा देश की समृद्धि और बेजोड़ सांस्कृतिक विरासत तथा विविध क्षेत्रों में राष्ट्र की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी.
इस साल की परेड का मुख्य आकर्षण हलके लड़ाकू विमान तेजस होंगे जिनका डिजाइन और विकास भारत में किया गया है. तेजस चौथी श्रृंखला का सुपरसोनिक और उच्च करतब दिखाने वाला, मल्टी रोल, लघुतम और अपनी समसामयिक श्रेणी में सबसे हल्का लड़ाकू विमान है, जिसका डिजाइन डीआरडीओ द्वारा भारतीय वायु सेना के लिए किया गया है. भारत की हवाई रक्षा तैयारी के लिए इसे गेम चेंजर यानी पास पलटने वाला समझा जा रहा है.
मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी अर्जुन) एमके-2 भी प्रदर्शित किया जाएगा जो देश में डिजाइन और विकसित किया गया, अपने तरह का पहला टैंक है. इसकी शानदार गतिशीलता को देखते हुए इसे डेजर्ट फेरारी की संज्ञा दी गयी है. भारतीय वायु सेना में हाल ही में शामिल किया गया ट्रांसपोर्ट एयर क्राफ्ट, सी-130जे सुपर हर्कुलस भी आकर्षण का केन्द्र होगा जो विशेष अभियानों के लिए सर्वाधिक अनुकूल है. विशाल सी-17 ग्लोबमास्टर भी परेड में शामिल होगा जो भारी सामान ले जाने वाला लम्बी दूरी का विमान है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन 'अस्त्र' और 'हेलिना' मिसाइलें भी प्रदर्शित करेगा. एक झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें मानव रहित प्रणाली 'दक्ष' को दिखाया जाएगा. यह एक रिमोट संचालित वाहन है. इसके अलावा ऑटोनोमस अंडर वाटर व्हिकल, लघु यूएवी-'नेत्र', व्हील्ड निगरानी वाहन, खोजी वाहन मंत्र एस, मानव रहित एरियल व्हीकल 'निशांत', भी प्रदर्शित किए जाएंगे.
भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित किए जाने वाले वाहनों में टी-90 'भीष्म', आईसीवी बीएमपी-2 (सारथ), टीके-टी-72 फुल विड्थ माइन प्लो, पीएमएस ब्रिजिंग सिस्टम, ओएसए-एक हथियार प्रणाली, स्मेर्च-एल्टी-लांचर रॉकेट प्रणाली, ब्रम्होस हथियार प्रणाली और ट्रांसपोर्टेबल सेटलाइट टर्मिनल्स (टीएसटी) शामिल हैं. सेना के मैकेनाइज्ड दस्ते द्वारा अत्याधुनिक हल्के हेलीकाप्टर 'ध्रुव' का फ्लाइपास्ट शामिल होगा. भारतीय वायु सेना की झांकी का विषय होगा 'भारतीय वायु सेना का कायापलट' इसमें वायु सेना की पूर्ण स्पैक्ट्रम क्षमता दर्शाई जाएगी और पिछले 8 दशकों में भारतीय वायु सेना में हुए बहुपक्षीय परिवर्तनों की झलक दिखाई जाएगी.
भारतीय नौ सेना की झांकी में एक पनडुब्बी का मॉडल दिखाया जाएगा. पनडुब्बी को नौ सेना की क्षमता में सर्वाधिक सक्षम और घातक सैन्य साधन समझा जाता है. पिछले वर्षों में पनडुब्बी प्रचालन के क्षेत्र का विस्तार हुआ है और भारतीय नौ सेना में आज परमाणु संचालित पनडुब्बियां शामिल की जा चुकी हैं.
परेड का समारोह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति से प्रारंभ होगा, जहां प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. हमारी सशस्त्र सेनाओं के जवानों के साहस के प्रतीक के रूप में अमर जवान ज्योति हमेशा जलती रहती है, जो मातृ भूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले रक्षा कार्मिकों के अदम्य साहस का प्रतीक है.
इस वर्ष जापान के प्रधानमंत्री महामहिम शिंजो आबे गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे. परेड का नेतृत्व दिल्ली एरिया के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टीनेंट जनरल सुब्रतो मित्र द्वारा किया जाएगा. दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल राजबीर सिंह परेड के सेकेंड इन कमांड होंगे.
गणतंत्र दिवस के अवसर पर 18 राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी, जिनमें देश की विविध ऐतिहासिक, वास्तुशिल्पीय और सांस्कृतिक विरासत दर्शाई जाएगी. इन झांकियों में विभिन्न क्षेत्रों में हुई देश की प्रगति को दर्शाया जाएगा. राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2013 के लिए चुने गए 25 बच्चों में से 20 बच्चे भी परेड में शामिल होंगे. 5 बच्चों का मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
सीमा सुरक्षा बल के जांबाज मोटर साइकिल सवार भी हर बार की तरह इस बार भी अपना करतब दिखाएंगे. इस बार 30 मोटर साइकिलों पर 162 सवार शामिल होंगे जो विभिन्न प्रकार की सलामी देंगे. समारोह के अंत में राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया जाएगा.