केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव- 2016 में गुरुवार को कहा कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो उनके मंत्रालय में 403 प्रोजेक्ट देरी से चल रहे थे, जबकि 73 पूरी तरह रुके हुए थे. लेकिन उनकी कोशिश है और उन्होंने लक्ष्य किया है कि सड़क निर्माण और नेशनल हाईवे के क्षेत्र में पांच साल में 2 लाख किलोमीटर तक पहुंचेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में नेशनल हाईवे की लंबाई 96 हजार करोड़ है और उनकी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य कर रही है.
नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार 'भारत माला' कार्यक्रम के तहत 700 एनएच प्रोजेक्ट पर बहुत तेजी से काम कर रही है. उन्होंने कहा, 'हम पांच साल में नेशनल हाईवे को 96 हजार से 2 लाख किलोमीटर बढ़ाने का लक्ष्य रखते है. उम्मीद है कि इस लक्ष्य को पूरा करने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर 80 फीसदी ट्रैफिक में सुधार आ जाएगा.' सड़क परिवहन मंत्री ने आगे कहा, 'हमारी सरकार ने तय किया है कि हर दिन जहां 18 किमी प्रतिदिन की रफ्तार से सड़क का निर्माण हो रहा, हम उसे बढ़ाकर 30 किमी करें.
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पूर्वोत्तर भारत का विकास है प्राथमिकता
गडकरी ने कहा, 'हमारी सरकार पूर्वोत्तर में विकास को लेकर प्रतिबद्ध है. पांच साल में नॉर्थ ईस्ट में 1 लाख करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है.' मंत्री ने कहा कि देश में बंदरगाह के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है. हम पूरी पारदर्शिता के साथ उस क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं. सेतु भारतम के जरिए हमने कई बड़े लक्ष्य तय किए हैं और सभी को पूरा करना है. इनमें पुराने पुलों का काम भी शामिल है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 का कार्यक्रम
बैठकों में सबसे अधिक बोलते हैं गडकरी
कॉन्क्लेव में इस सत्र के दौरान कुछ हल्के-फुल्के पल भी आए. दरअसल, जब नितिन गडकरी, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एंव उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया कि कैबिनेट बैठक में सबसे अधिक बार कौन बोलता है तो सभी ने एक सुर में नितिन गडकरी का नाम लिया. खुद गडकरी ने भी स्वीकार किया कि वह ज्यादा बाेलते हैं.