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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव: जब एक नेता ने न्यूज एंकर्स से किया सवाल-जवाब

डेरेक ओ ब्रायन ने चर्चा की शुरुआत ही ये कहते हुए कि डेमोक्रैटिक न्यूजरूम अपने आप में विरोधाभास है. इस पर राहुल ने कहा कि उनका न्यूजरूम डेमोक्रैटिक है क्योंकि न्यूजरूम डेमोक्रैटिक के अलावा कुछ नहीं हो सकता है.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018

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आम तौर पर न्यूज एंकर राजनीतिज्ञों से सवाल-जवाब करते हैं और उनकी पार्टियों की कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हैं. लेकिन इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में इस प्रोसेस में बदलाव किया गया और किसी राजनेता को एंकर्स से सवाल करने के लिए आमंत्रित किया गया. जी हां, इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के दूसरे दिन 'डेमोक्रैटिक न्यूजरूम- आस्क आर एंकर्स' सत्र में राजनेता और टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और इंडिया टुडे समूह के न्यूज एंकर्स राजदीप सरदेसाई, राहुल कंवल, राज चेनगप्पा, साहिल जोशी, पद्मजा जोशी और अवन्तिका ने शिरकत की. इस खास सत्र का संचालन डेरेक ने किया.

डेरेक ओ ब्रायन ने चर्चा की शुरुआत ही ये कहते हुए कि डेमोक्रैटिक न्यूजरूम अपने आप में विरोधाभास है. इस पर राहुल ने कहा कि उनका न्यूजरूम डेमोक्रैटिक है क्योंकि न्यूजरूम डेमोक्रैटिक के अलावा कुछ नहीं हो सकता है. राहुल कंवल ने कहा कि इंडिया टुडे ग्रुप की कोई पार्टी लाइन नहीं है. इस ग्रुप में सभी विचारों को मंच दिया जाता है.

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डेरेक का कहना था कि सभी राज्यों को नेशनल मीडिया में सही कवरेज नहीं मिलती. इस राज चेंगप्पा ने बताया कि इंडिया टुडे में सभी राज्यों की स्टोरीज को महत्व दिया जाता है. वहीं राजदीप सरदेसाई ने दक्षिण भारत के राज्यों की कवरेज का हवाला दिया.

इस दौरान पॉजिटिव और गुड न्यूज पर भी चर्चा हुई कि प्राइम टाइम के स्लॉट में अच्छी खबरें दिखाई जाती हैं या नहीं. तृणमूल नेता ने सोशल मीडिया और फेक न्यूज का मुद्दा उठाया, साथ ही पत्रकारों पर संस्था के नाम का इस्तेमाल कर अपने विचार फैलाने की बात रखी. फेक न्यूज पर एंकरों ने माना कि कभी-कभी गलतियां हो जाती हैं, लेकिन उनमें तुरंत सुधार भी किया जाता है. चेंगप्पा ने कहा कि पत्रकार की विश्वसनीयता उसकी स्टोरीज पर निर्भर करती है और पत्रकारों को कुछ भी ट्वीट करने से पहले सोचने की जरूरत है.

डेरेक ने कहा कि देश में 9 राजनीतिक दल हैं, जो कुछ खास न्यूज चैनल्स पर नहीं जाते हैं. इनमें ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां हैं. डेरेक ने कहा कि न्यूजरूम को थोड़ा फेडरल होने की जरूरत है. डेरेक के सवाल पर राजदीप ने कहा कि इंडिया टुडे समूह राज्यों को फोकस में रख कर अपना काम कर रही है. इंडिया टुडे ने खास तौर पर राज्यों की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से लोगों तक पहुंचाने के लिए अहम पहल की है.

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वहीं न्यूजरूम को अधिक फेडरल बनाने के मुद्दे पर राजदीप ने कहा कि इंडिया टुडे ने नॉर्थ ईस्ट के चुनावों के साथ-साथ दक्षिण भारत के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ उठाने का काम किया है. राजदीप ने कहा कि अगर इंडिया टुडे समूह ने बंगाल की कवरेज को बढ़ाया तो सबसे पहले ममता बनर्जी की सरकार उनके खिलाफ खड़ी हो जाएगी.

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