केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले आम चुनाव को लेकर उन्हें इंडिया टुडे के सर्वे पर भरोसा है जिसमें बताया गया था कि सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा लोग अगले साल के चुनाव में भी मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के दूसरे और अंतिम दिन के दूसरे सत्र में रोड टू 2019-स्पीड बम्प्स अहेड विषय पर बोलते हुए नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई कि मोदी के नेतृत्व में अगले साल भी सरकार बनेगी और देश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा.
आपको विश्वास है कि आप 2019 का चुनाव जीतेंगे, इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि हम निश्चित तौर पर जीतेंगे. जो पार्टी लगातार चुनाव हार रही है उनका उज्ज्वल भविष्य है और जो लगातार चुनाव जीत रही है उसका उज्ज्वल भविष्य नहीं है, यह तो देखने के नजरिए पर फर्क है. हम फिर से आएंगे.
इंडिया टुडे के सर्वे पर भरोसा
पार्टी के पूर्व रणनीतिकार का दावा है कि अगर अभी चुनाव कराए जाएं तो बीजेपी को 200 के करीब सीट मिलेगी. ऐसी स्थिति में लोकसभा त्रिशंकु रहेगी और सहयोगी दल मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को स्वीकार नहीं करेंगे और आप की छवि हर दल के साथ है तो आप दावेदार होंगे.
इस सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, मैं इंडिया टुडे पर विश्वास करता हूं, मैंने इंडिया टुडे का सर्वे पढ़ा. मैं अरुण पुरी जी और इंडिया टुडे पर सबसे ज्यादा विश्वास करता हूं. और मोदी जी का फ्रंट फोटो देखकर कहा कि यही आने वाले हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'मैं कोई सपने नहीं देखता, मुझे जो कुछ भी मिला वो मेरी हैसियत और औकात से कहीं ज्यादा मिला है. मैंने अपना फोटो चिपकाया नहीं, कहीं रिज्यूमे नहीं भेजा. कोई कटआउट नहीं लगाया, एयरपोर्ट पर मेरा कोई स्वागत करने नहीं आता. मैं अपनी तबीयत का आदमी हूं. अपने हिसाब से काम करता हूं. न ही मैं प्रधानमंत्री बनने का सपना देखता हूं. मेरी विश्वास यही है कि पार्टी ने मोदी जी को चुना है और उन्हीं के नेतृत्व में हमें बहुमत मिलेगा और उनकी नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी.'
क्या था इंडिया टुडे के सर्वे में
जनवरी 2018 में आए इंडिया टुडे-कार्वी सर्वे में शामिल लोगों में से आधे से ज्यादा लोग अब भी उन्हें 2019 में फिर से सबसे माकूल प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी को देखते हैं. मगर अभी चुनाव करवाए जाएं, तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने से पीछे रह जाएगी और सत्ता में बने रहने के लिए उसे अपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भागीदारों पर निर्भर रहना पड़ेगा.
सर्वे में शामिल 61 फीसदी लोग अब भी प्रधानमंत्री के तौर पर उनके कामकाज को अच्छा और शानदार आंकते हैं. (यह संख्या हालांकि नोटबंदी के अभियान के दौरान उन्हें हासिल 69 फीसदी के शिखर से धीरे-धीरे नीचे आ गई है). सर्वे में शामिल 50 फीसदी से ज्यादा लोग मानते हैं कि मोदी 'सबका साथ, सबका विकास' के अपने नारे पर खरे उतरे हैं.
विपक्षी नेता ऐसा ही दावा करेगा
सोनिया गांधी के 2019 में चुनाव जीतने के दावे पर गडकरी ने कहा, 'विपक्ष में बैठकर कोई भी नेता ऐसा ही दावा करेगा, लेकिन सोनिया गांधी के दावे को हाल में हुए राज्यों के विधानसभा चुनावों ने कोई सपोर्ट नहीं किया है. कई जगहों पर उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल सकी है, जहां उनका राज था वहां हार रहे हैं और हम जीत रहे हैं.