अगर कोई यह सोचता है कि पुलवामा के बाद भारत कोई जवाब नहीं देगा तो यह उसकी गलती है. पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक से संदेश गया है कि यह 2009 से 2014 वाली सरकार नहीं है. हो सकता है कि परिस्थितियां पाकिस्तान के नियंत्रण में न हों लेकिन कम से कम घटना के बाद वहां के पीएम को इसकी आलोचना तो करनी चाहिए थी इसके लिए उन्हें किसने रोका था. ये बातें कहीं यह बातें कहीं इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने.
पाकिस्तान के पीएम इमरान कहते हैं कि पुलवामा का सबूत दीजिए. इमरान कहते हैं कि सबूत दीजिए इस पर अमित शाह ने कहा कि सबूत की बात क्या करें. आप निंदा तो करिए. एक बार भी आपने निंदा नहीं की. कम से कम एक बार तो आप कहते कि जो हुआ वह गलत हुआ. पाकिस्तान की जनता और पीएम से पूछना चाहिए कि आप ने निंदा क्यों नहीं की. शाह से जब राहुल कंवल ने पूछा कि क्या आप पाक पीएम को सेना और आतंकवादियों की कठपुतली मानते हैं. इस पर अमित शाह ने कहा कि वह यह इस शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते. हो सकता है कि स्थितियां पाकिस्तान के नियंत्रण में नहीं हों लेकिन पुलवामा घटना की निंदा तो की जा सकती थीं. यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है और भारत की जनता जानती है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं.
अमित शाह ने कहा कि हम सख्त हैं और किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम हैं. पुलवामा के बाद पाकिस्तान अलग-थलग पड़ा है. हम कम से कम समय में अपने पायलट अभिनंदन को वापस लाने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक के बाद अब पाकिस्तान को तय करना है कि उसे अब क्या करना है लेकिन अगर हम पर हमला होता है तो हम उसका जवाब देंगे.
शाह ने आगे कहा कि विपक्ष को इस पर सवाल पूछने का हक नहीं है. उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि राहुल कंवल को यह सवाल पूछने का हक है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के चेहरे पर पहली बार उन्होंने हंसी देखी जब 22 पार्टियों के नेताओं ने रिजोल्युशन पास किया. उन्होंने कहा कि आखिर विपक्ष चाहता क्या है. उन्होंने कहा कि सवाल तो हमें पूछना चाहिए कि 26-11 के बाद आपने क्या किया.
उनसे सवाल पूछ रहे राहुल कंवल ने बताया कि तबके पीएम को लगता था कि एयर स्ट्राइक से कुछ नहीं होने वाला जबकि वायुसेना ने उनको यह सुझाव दिया था. इस पर शाह ने कहा कि बातचीत से क्या हल निकला. हम सीधा यह कहना चाहते हैं कि हम हर हमले का जवाब देंगे. एयर स्ट्राइक के बाद हम यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि हम चुप रहने वाले नहीं हैं.
मनमोहन सिंह कहते हैं कि दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए ऐसे में दोनों पार्टियों को एक प्लेटफॉर्म पर कैसे तौला जा सकता है. अमित शाह ने कहा कि सबसे ज्यादा आतंकी नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में मारे गए हैं और इसी पर सवाल उठ रहे हैं. देश 30 साल से आंतक से लड़ रहा है और यह देशहित में नहीं है कि आतंक का जवाब नहीं दिया जाए. शाह ने कहा कि क्या विपक्ष यह कहना चाहता है कि पुलवामा हमने कराया. हमने हमले का जवाब दिया और सुधरते नहीं हो तो जवाब दिया जाएगा.