इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 18वें संस्करण के एक अहम सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शिरकत की. अरुण जेटली ने इस दौरान राफेल के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैंने आज तक भारतीय राजनीति में ऐसे फर्जी कैंपेन चलते नहीं देखा जितने आज चल रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा राफेल है. अगर राफेल को लेकर 2012 में करार हो जाता तो आज ये विमान हमारे देश में होता और बालाकोट कुछ अलग होता.
आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी के जवाब में भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया था. उन्होंने कहा कि देश में EVM को लेकर भी फर्जी कैंपेन चलाया जाता है.
वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि चुनाव में पुलवामा का असर होगा. तो उन्होंने कहा कि लोगों के पास क्या विकल्प हैं. क्या महागठबंधन ही एक विकल्प है. पहले भी देश में महागठबंधन की सरकार बनी है. ये सरकारें सिर्फ 5 से 6 महीने चलती हैं. क्या हम 6 महीने की सरकार के लिए वोट करेंगे. जब देश विकास कर रहा है, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है तो ऐसे में देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है. जिन पार्टियों के विचार नहीं मिलते आज वो साथ आ रही हैं.
पाकिस्तान पर बोला हमला
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस दौरान आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली द्वारा वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल का शांति पुरस्कार दिए जाने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे इस पर कुछ ज्यादा नहीं कहना चाहेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि सच को नकारने के अवश्यंभावी परिणाम होंगे. पूरी दुनिया में कहीं भी आतंकवादी घटना होती है चाहे अमेरिका हो, पेरिस हो या हाल में पुलवामा पाकिस्तान के पद चिन्ह हर जगह मिलेंगे.