पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी का नतीजा है कि लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में ये बिल अटका हुआ है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मंच पर इस बिल को लेकर बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान हेमंत बिस्वा शर्मा ने यहां तक कहा कि हिंदुओं को पाकिस्तान भेजने वाले लोकतंत्र को मैं नहीं मानता.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर भारत में जारी हिंसा से जुड़े राजदीप सरदेसाई के सवाल का जवाब देते हुए हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि राजनीति में कभी-कभी कड़े निर्णय लेने पड़ते हैं. हमने सिटिजनशिप के बारे में फैसला किया जो हिंदू, बौद्ध, सिख जैन, पाक या विदेश में रह गए थे, उन्हें भारत की नागरिकता देने का फैसला किया गया है.
हेमंत ने कहा कि मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश दिया गया है. इन दोनों देशों के लोगों का कुरान पर विश्वास है. हिंदुओं का विश्वास गीता पर है. हम हिंदुओं को केवल नागरिकता देने की बात कर रहे हैं, इस पर भी एतराज हो रहा है.
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी के लिए एक कानून है. ऐसे में किसी एक धर्म के लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता. हिंदू हो या मुसलमान, भेजना है तो सारे शरणार्थियों को वापस भेजिए. इस टिप्पणी पर बिस्वा ने कहा कि हिंदुओं को पाकिस्तान भेजने वाले लोकतंत्र को मैं नहीं मानता.
बिस्वा ने कहा कि मैंने कहा कि जो बांग्लादेशी मुसलमान हैं, उन्होंने यहां अवैध रूप से बस कर हमारी राजनीति पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर की 25 संसदीय सीटों में से 21 सीटें बीजेपी ही जीतेगी.