इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और बीजेपी नेता विनय सहस्रबुद्धे के साथ हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व के मुद्दे पर चर्चा हुई. थरूर ने कह कि हिन्दू एक बहुत बड़ा धर्म है और इसमें कई तरह की धारणाएं हैं. लेकिन जब आप इसके समेटकर राजनीतिक पहचान के रूप में परिभाषित करने लगे जाएं तब यह हिन्दुत्व कहलाता है.
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने हिन्दुत्व को एक धर्म से ज्यादा नस्ल के तौर पर परिभाषित किया था. धर्म में शायद उनकी उतनी गहरी आस्था नहीं रही है लेकिन उन्होंने इसे एक राष्ट्रवादी ताकत का प्रतीक बताया था.
थरूर ने कहा कि मेरे लिए हिन्दू धर्म एक विश्वास है जो सभी को खुली दिल से सोचने की आजादी देता है. मूल रूप से हमें सभी की धारणाओं को स्वीकार करना सिखाता है. हिन्दू धर्म सहिष्णुता से ज्यादा स्वीकार करने की बात कहता है. क्योंकि सहिष्णुता एक सरपरस्ती का विचार है जबकि स्वीकारता सभी को एक-दूसरे के विश्वास को सम्मान देने की बात कहती है. लेकिन हिन्दुत्व सिर्फ अपने ही सच को ही सही करार देता है.
हिन्दुत्व की गलत व्याख्या हुई
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने हिन्दू बनाम हिन्दुत्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मेरे लिए हिन्दुत्व का मतलब आध्यात्मिक लोकतंत्र से है. हिन्दुत्व में हम एक सत्य में विश्वास रखते हैं, लेकिन हिन्दू धर्म में विविधताओं की पूरी जगह है. हिन्दुत्व की कई लोग जानबूझकर गलत व्याख्या करते हैं. हिन्दुत्व एकम सत विप्रा: बहुधा वदन्ति है. इसका मतलब है कि सत्य एक है लेकिन बुद्धिमान इसे कई नामों से बुलाते हैं.
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया टुडे ग्रुप अपने महामंच 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' के 18वें संस्करण में देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहा है. 1 और 2 मार्च को आयोजित यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव इस बार दिल्ली में हो रहा है. इंडिया टुडे के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत राजनीति, बॉलीवुड, खेल जगत समेत अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां जुट रही हैं.