scorecardresearch
 

India Today Conclave: मौलाना को सैलरी, पुजारी को नहीं यह मुस्लिम तुष्टिकरणः हेमंत बिस्वा

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019 के पहले दिन असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि अगर एक ओर मौलाना को सैलरी दी जाती है जबकि पुजारी को नहीं दी जाती है तो क्या यह मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं है. कोई इस बारे में नहीं पूछता है.

Advertisement
X
असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा (फोटो-सुबीर हल्दर/इंडिया टुडे)
असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा (फोटो-सुबीर हल्दर/इंडिया टुडे)

Advertisement

  • 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' का कोलकाता में आगाज
  • पूर्वोत्तर के 8 राज्यों का GDP में हिस्सा 2.8%: अरुण पुरी
  • दो दिवसीय कॉन्क्लेव में जानी-मानी हस्तियां शामिल हो रहीं
  • CAB और NRC दोनों असम के लिए कॉम्बो पैकः हेमंत

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019 के पहले दिन 'कनफ्लिक्ट जोनः असमः हूज होम इज दिस? द ऐगनी ऑफ इलीगल एक्सिटेंस' विषय पर आयोजित चर्चा में शामिल होते हुए असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि अगर एक ओर मौलाना को सैलरी दी जाती है जबकि पुजारी को नहीं दी जाती है तो क्या यह मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं है. कोई तब इस बारे में नहीं पूछता है. जो भी करो बराबर करो.

हेमंत बिस्वा ने कहा कि मैं चुनाव प्रचार के दौरान डायमंड हॉर्बर गया और वहां के हालात बेहद खराब हैं. बंगाल के हालात असम से भी खराब है. बंगाल के लोगों को एनआरसी नहीं होने से खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. असम और बंगाल के बीच तुलना की जाए तो पता चलेगा कि बंगाल के लोगों को पिछले 20 सालों में एनआरसी नहीं होने से कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.

Advertisement

असम की तर्ज पर बंगाल की राजनीति पर असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि अगर कोई मौलाना को सैलरी देता है और पुजारी को नहीं, तो इस बारे में पूछा जाना चाहिए. क्या यह मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं है. जो भी हो बराबर-बराबर हो.

CAB और NRC  कॉम्बो पैकः हेमंत

नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी पर असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पहले तो नागरिकता संशोधन बिल (CAB) और एनआरसी को लेकर किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए. दोनों ही पूरी तरह से अलग मामले हैं, लेकिन असम के लिहाज से देखा जाए तो यह एक तरह से कॉम्बो पैक है. हालांकि शेष भारत के लिहाज से यह दोनों पूरी तरह से अलग मामला है. असम के लिए यह कॉम्बो पैकेज है.

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) और एनआरसी को नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने के बड़े हथियार के मामले पर हेमंत बिस्वा ने कहा कि मोदी को चुनाव जीतने के लिए नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी की जरुरत नहीं है. इसके बगैर ही वह 2024 में 300 से ज्यादा सीटें जीत जाएंगे.

उन्होंने कहा कि हम नागरिकता संशोधन बिल के जरिए उन लोगों को नागरिकता देना चाहते हैं जिन्हें धार्मिक आधार पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. हम चाहते हैं कि संसद इस सत्र में नागरिकता संशोधन बिल पास कर दे और हम आज से अगले एक साल के अंदर इस प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहते हैं. एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाए तो फिर हम पैन इंडियन नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप के लिए जाएंगे. इसके जरिए देश के आर्थिक घुसपैठियों की पहचान करेंगे.

Advertisement

इससे पहले इंडिया टुडे ग्रुप के चर्चित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' का आगाज आज शुक्रवार को कोलकाता के ओबेरॉय ग्रैंड होटल में हो गया. दो दिन तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव में अलग-अलग क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियां शामिल हो रही हैं. इस कॉन्क्लेव में देश की अर्थव्यवस्था के हालात पर चर्चा की जाएगी. साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों की कला, संस्कृति, राजनीति पर भी चर्चा की जाएगी. कॉन्क्लेव में एनआरसी और सिटीजनशिप बिल पर चर्चा हुई.

बंगाल में 18 महीने बाद चुनाव पर सबकी नजरः अरुण पुरी

'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' के स्वागत भाषण में इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा, 'खासकर अक्टूबर भारत और कोलकाता वालों के लिए बेहद खास महीना साबित हुआ है. अभि‍जीत बनर्जी उन कुछ चुनिंदा भारतीयों में शामिल हुए जिनको नोबेल पुरस्कार हासिल हुआ और मैं यह भी कहना चाहूंगा कि वह यह पुरस्कार हासिल करने वाले तीन बंगालियों में से एक हैं. साथ ही इसी महीने में भारतीय क्रिकेट के दादा सौरव गांगुली बीसीसीआई के 39वें प्रेसिडेंट भी बने.

इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल आज इतिहास के रोचक दौर से गुजर रहा है. जैसा कि मैंने गौर किया इंडिया टुडे के पिछले महीने हुए स्टेट्स ऑफ द स्टेट्स सर्वे में पश्चिम बंगाल का स्थान नीचे रहा था, पिछले कई सालों के खराब प्रदर्शन की वजह से देश के 20 बेहतरीन प्रदर्शन वाले राज्यों में उसका स्थान 12वां है, लेकिन उसने इन 10 कैटेगरी में सबसे ज्यादा सुधार किया है- समग्र विकास, अर्थव्यवस्था, शासन, कानून-व्यवस्था, उद्ममिता, सफाई, स्वास्थ्य, शि‍क्षा और कृषि.

Advertisement

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों का भारत के जीडीपी में हिस्सा 2.8 फीसदी है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2012 से 2018 के बीच मिजोरम ने भारतीय राज्यों में सबसे ऊंचा 12.75 फीसदी का जीएसडीपी हासिल किया है, यह गुजरात के 10 फीसदी से भी ज्यादा है.

Advertisement
Advertisement