सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल केवल हिंदू, बौद्द, जैन और ईसाइयों के लिए है. अगर कोई मुसलमान आकर कहता है कि पाकिस्तान में उसके साथ इसलिए भेदभाव किया जाएगा कि वह कुरान पढ़ता है तो उस पर विचार किया जाएगा. ये बातें कहीं इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे असम के वित्त मंत्री हेमंत बिश्व शर्मा ने. अससुद्दीन ओवैसी के इस आरोप पर कि जो भी शरणार्थी हैं उन्हें वापस भेजने का प्रवाधान है हेमंत शर्मा ने कहा कि ओवैसी असम को कश्मीर बनाना चाहते हैं.
सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर तीखे सवालों का जवाब देते हुए हेमंत बिश्व शर्मा ने कहा कि आज के हालात ऐसे हैं कि असम अप्रवासियों से भर गया है और असम के मूल लोग यहां पर अल्पमत में आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए यह सब किया गया. ओवैसी ने उनसे पूछा कि क्या आप संविधान में विश्वास करते हैं. शर्मा के हां कहने पर ओवैसी ने कहा कि फिर आप संविधान का उल्लंघन कैसे कर सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 14 को कैसे नकार सकते हैं. किसी देश में जाति धर्म या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव कैसे किया जा सकता है.
ओवैसी का कहना था कि शरणार्थियों के बारे में एक नियम है और उसी के अनुसार सबकी वापसी होनी चाहिए तो फिर अलग अलग नियम क्यों बनाए जा रहे हैं. आपने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से यह क्यों कहा कि किसी की वापसी नहीं होगी. यह देश को बांटने की कोशिश है.
हेमंत बिश्व शर्मा ने उनके आरोप का जवाब देते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं कर सकते कि हम हिंदुओं को पाकिस्तान में नरकीय जीवन जीने के लिए भेज दें. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अवैध अप्रवासियों के बारे में है लेकिन हमने यह भी तय किया है कि यह किन पर लागू होगा. इस पर ओवैसी ने कहा कि इसे 1951 से क्यों लागू किया जा रहा है. यूके कहता है कि हमारे यहां 35000 भारतीय हैं इन्हें वापस ले जाओ तो वापस क्यों नहीं ले आते. अमेरिका कहता है 10000 अवैध भारतीय उसके यहां हैं तो उन्हें क्यों नहीं वापस लाया जाता है.
इस पर हेमंत बिश्व शर्मा ने कहा कि आप असम को कश्मीर मत बनाइए. ओवैसी के इस सवाल पर कि क्या आप कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते. शर्मा का कहना था कि वह कश्मीर को भारत का हिस्सा मानते हैं लेकिन वहां पर धारा 370 नहीं होनी चाहिए.
इस सत्र में मौजूद मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने कहा कि उन्होंने बीजेपी को साफ शब्दों में बता दिया है कि अगर सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर अगर पार्टी आगे बढ़ती है तो वह एनडीए का हिस्सा नहीं होंगे.