इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2019 के दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. कुछ ही दिन पहले देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि देश में कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है जो कि इस संस्थान को सुधारना चाहती है. उन्होंने कहा कि सत्ता का यही नेचर है.
जस्टिस चेलमेश्वर ने बताया कि सीबीआई को लेकर देश की एक हाई कोर्ट ने कहा था कि कानूनी रूप से पुलिस एक्ट के तहत इसका पलड़ा कमजोर है. लेकिन उस आदेश के बाद कभी ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में आगे ही नहीं बढ़ पाया, जिससे कोई निर्णायक बात सामने आ पाती.
उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास सीबीआई या किसी अन्य संस्थान को मजबूत करने का समय नहीं है. फिर चाहे सत्ता पक्ष की पार्टी हो या फिर विपक्ष में रहने वाली पार्टी हो, कोई ऐसा करना ही नहीं चाहता है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बोले कि कुछ समय पहले सीताराम येचुरी संसद में एक प्राइवेट बिल लाए थे जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में एक संस्थान बनना चाहिए जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन कुछ ही मिनटों में उस प्राइवेट बिल को रद्द कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल यही चाहता है कि एक फ्लेक्सेबल संस्थान हो, जो उनके अनुसार चल सके. सत्ता की यही नीति है. गौरतलब है कि बीते दिनों सीबीआई में काफी विवाद रहा था. एजेंसी के दो सर्वोच्च अधिकारियों के बीच का झगड़ा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार संस्था को खत्म करने का काम कर रही है.
आपको बता दें कि जस्टिस चेलमेश्वेर ने इस सेशन में सीबीआई के अलावा उस बहुचर्चित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी बात की जिसमें उनके साथ तीन अन्य जजों ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे.