इंडिया टुडे ग्रुप के लोकप्रिय और चर्चित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' का आगाज हो गया है. कॉन्क्लेव के पहले दिन 'फ्लैशप्वाइंट: राजद्रोह: देशभक्ति का नया टेस्ट किट' सेशन में बीजेपी नेता और फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पॉल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डॉ. अशोक गांगुली, बीजेपी (पश्चिम बंगाल) के महासचिव सायंतन बसु और मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट रत्नाबोली राय ने अपने विचार रखे. इस महत्वपूर्ण सेशन में मंच का संचालन इंडिया टुडे टेलीविजन के कंसल्टिंग एडीटर राजदीप सरदेसाई ने किया.
एक्टिविस्ट रत्नाबोली राय ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि हमने जो चिट्ठी लिखी वह बिलकुल स्पष्ट थी और उसमें ऐसा कुछ नहीं था जिस पर चार्ज लगाया जा सके. मुझे सबसे पहले यह धमकी जैसी लगी. बाद में हमें पता चला कि जो याचिकाकर्ता था उसकी अपनी हिस्ट्री रही. हमने सिर्फ प्रधानमंत्री को लिंचिंग के खिलाफ एक्शन के लिए लिखा था. जबकि प्रधानमंत्री ने खुद कहा था कि यह लिंचिंग बंद हो जानी चाहिए.
रत्नाबोली से जब पूछा गया कि क्या वो चिट्ठियां लिखने में सेलेक्टिव हैं तो उन्होंने कहा कि दो बातों को अलग-अलग देखना बहुत जरूरी है. पहली हर जगह सेलेक्टिव आउट क्राई की बात होती है, यह बहुत ही गलत ऑर्ग्यूमेंट है क्योंकि मैं विकलांगों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को लेकर काफी उत्साह रहता है. क्या मुझे मामलों को चयन करने का अधिकार नहीं है. हमें हर मामलों पर आवाज उठानी चाहिए, मैं मानती हूं. लेकिन बंगाल में सेडिशन का गलत इस्तेमाल नहीं होता.
इसके बाद जब बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि जब मुस्लिम भाई लिंच होता है तो आप प्रोटेस्ट करते हैं लेकिन जब हिंदू भाई लिंच होता है तो आप प्रोटेस्ट नहीं करते. तब आपकी कोई चिट्ठी क्यों नजर नहीं आती. इस पर आपत्ति जताते हुए रत्नाबोली ने कहा कि हमने आवाज उठाई है, हमने मुख्यमंत्री से बात की है. आप यह गलत कह रही हैं.
रत्नाबोली ने चर्चा के दौरान आगे कहा कि जय श्री राम और आजादी की बात तो बहुत पहले से होती रही है लेकिन मेरा सवाल यह है कि यह आज मुद्दा क्यों बना. इस पर बीजेपी महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि आपको जय श्री राम से अलर्जी क्यों है.
रत्नावली ने चर्चा के बीच यह भी पूछा कि प्याज का भाव क्या है. जिस पर सायंतन बसु ने कहा कि ममता जी से पूछो ना.