इंडिया टुडे ग्रुप के लोकप्रिय और चर्चित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' का आगाज हो गया है. कॉन्क्लेव के पहले दिन 'फ्लैशप्वाइंट: राजद्रोह: देशभक्ति का नया टेस्ट किट' सेशन में बीजेपी नेता और फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पॉल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डॉ. अशोक गांगुली, बीजेपी (पश्चिम बंगाल) के महासचिव सायंतन बसु और मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट रत्नाबोली राय ने अपने विचार रखे. इस महत्वपूर्ण सेशन में मंच का संचालन इंडिया टुडे टेलीविजन के कंसल्टिंग एडीटर राजदीप सरदेसाई ने किया.
बीजेपी महासचिव ने उठाई प्रियंका शर्मा के जेल जाने की बात
सेडिशन पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेता सायंतन बसु ने कहा कि मेरी पार्टी इस तरह की वेंडेटा से काम नहीं करती. झारखंड और बिहार के केस में हमारी पार्टी ने किसी से बात नहीं की. मैं आपको अपने राज्य के 100 से ज्यादा उदाहरण दे सकता हूं. जस्टिस गांगुली यहां हैं. उन्होंने अगर राज्य सरकार के खिलाफ कुछ बोला तो उनके खिलाफ केस लगा दिया जाता है. आप सोचिए कि जब एक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस के साथ ऐसा हो सकता है तो आम बीजेपी कार्यकर्ता के खिलाफ क्या हो सकता है. एक लड़की ने एक फोटो वॉट्सएप पर फॉरवर्ड की, वह फोटो प्रियंका चोपड़ा से मिलती थी और उसे 10 दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे रखा गया.
सायंतन बसु ने कहा कि अगर रत्नाबोली के पास पीएम को चिट्ठी लिखने का अधिकार है तो उनको मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी चिट्ठी लिखने का अधिकार है. इस पर जब रत्नाबोली से पूछा गया कि क्या अगर आप मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखेंगी तो आपको यहां भी राजद्रोह का सामना करना पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता. हमें इश्यू पर एड्रेस करने की जरूरत है. सायंतन बसु ने भी पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड में हुई उस घटना को प्रधानमंत्री ने भर्त्सना की थी. उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए.
...जब बहस हुई तेज
चर्चा के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अशोक गांगुली ने कहा कि किसी भी सिविलाइज्ड डेमोक्रेटिक नेशन में सेडिशन का कानून हटा दिया गया. हर जगह यह कॉग्निजिबल अफेंस (संज्ञेय अपराध) नहीं है. ब्रिटेन में यह हट चुका है, अमेरिका में यह कॉग्निजबल क्राइम नहीं है. लेकिन यहां यह कॉग्निजिबल अफेंस है. कन्हैया कुमार को बिना वारेंट के अरेस्ट नहीं किया जाना चाहिए था.
इस बात पर सायंतन बसु ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर कोई चिट्ठी लिखता है तो वह सेडिशन में नहीं आता लेकिन अगर कोई यह कहता है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे तो वह सेडिशन में आता है. चर्चा में आगे एक्टिविस्ट रत्नाबोली राय ने कहा कि कई बड़े नामों में चिट्ठी लिखी लेकिन उस पर सवाल उठाए गए, इन्हें जो अच्छा नहीं लगता वह सही नहीं होता. बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने रत्नाबोली को टोकते हुए कहा कि आपको राज्य की घटनाएं क्यों नहीं दिखतीं, आप राज्य के मुद्दों पर आवाज क्यों नहीं उठातीं.
जस्टिस अशोक गांगुली ने आगे कहा कि राज्य में आप सवाल उठाइए आपके खिलाफ एक्शन हो जाएगा. रत्नाबोली ने कहा कि ममता बनर्जी के घर के सामने प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को उठाया गया तो हम गए और बात की और कहा कि यहां डॉयलॉग की जगह होनी चाहिए लेकिन हमारी चिट्ठी के खिलाफ प्रसून जोशी ने जो चिट्ठी लिखी उसे आप देख सकते हैं.
बीजेपी नेता ने ममता सरकार पर बोला हमला
सायंतन बसु ने कहा कि वेस्ट बंगाल में जो हो रहा है वह किसी सिविल सोशायटी में नहीं हो सकता. जो लोग आज उनके साथ हैं मैं चैलेंज करता हूं कि वो ममता के खिलाफ बात करें उनके साथ भी वही होगा जो दूसरों के साथ हुआ. ममता बनर्जी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखतीं. पश्चिम बंगाल में सेडिशन एक रेगुलर थिंग है.
रत्नाबोली ने कहा कि जय श्री राम और आजादी की बात तो बहुत पहले से होती रही है लेकिन मेरा सवाल यह है कि यह आज मुद्दा क्यों बना. इस पर सायंतन बसु ने कहा कि आपको जय श्री राम से अलर्जी क्यों है.
बीच चर्चा जब उठी प्याज की बात
अग्निमित्रा ने कहा कि मैं कह रही हूं कि अगर आप आवाज उठा रहे हो तो सब चीजों के खिलाफ आवाज उठाओ. ऐसा लग रहा है कि आप मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज नहीं उठाते क्योंकि आप उनसे डरते हैं. रत्नाबोली ने चर्चा के बीच पूछा कि प्याज का भाव क्या है. जिस पर सायंतन बसु ने कहा कि ममता जी से पूछो ना.