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भारत को दबंग नेतृत्व की जरूरतः पीयूष गोयल

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के सत्र 'भारतीय अर्थव्यवस्था की अड़चनें क्या हैं' में रेलवे और कोल मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे. उन्होंने कहा कि देश को कमजोर नहीं मजबूत नेतृत्व की जरूरत है. 

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पीयूष गोयल
पीयूष गोयल

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आज देश को सलाम करने का समय है. जवानों को सलाम करने का समय है. 30 साल के मिथक को हमने तोड़ दिया है. हम परमाणु संपन्न हैं और क्या कर सकते हैं यह सोचने का समय नहीं है. यह सोचने का समय है कि विश्व केवल मजबूत लीडरशिप को सलाम करता है. ये बातें कहीं इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे रेल और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने. उनसे सवाल कर रहे थे इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने.  

पीयूष गोयल ने कहा कि यह सवाल बड़ा नहीं है कि हमने कितनों को मारा लेकिन इतना तय है कि हमने एलओसी को पार किया और बालाकोट में बम गिराए. उरी हमले के बाद हमने सर्जिकल स्ट्राइक की. पुलवामा की घटना के बाद हमने एयर स्ट्राइक की इससे पूरे विश्व में संदेश गया कि हम झुकने वाले नहीं हैं. अगर कोई हमारे एक को मारता है तो हम 10 को मारेंगे.

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राहुल कंवल के यह कहने पर कि बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने बताया था कि 300 लोगों को मारा गया फिर कहा 400 लोगों को मारा गया. इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि यह तो सेना या इंटेलिजेंस के लोग ही बता सकते हैं. उन्हीं के इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की जा सकती है. यह तो पाकिस्तान कह रहा है कि कोई नहीं मारा गया, विपक्ष भी यही सवाल कर रहा है. यह सवाल खड़ा करना विपक्ष और पाकिस्तान का समर्थन करना है.

पीयूष गोयल ने कहा कि यह 2008 की सरकार नहीं है. जब मुंबई हमला हुआ था तो उस समय के वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि हमें अनुमित नहीं मिली हम पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक करने के लिए तैयार थे. गोयल ने सवाल उठाया कि आखिर उस समय अनुमति क्यों नहीं दी गई.

गोयल ने कहा कि इस सरकार की विशेषता रही है कि हमने जो कहा है वह पूरा किया है. हम परफॉर्म करते हैं लेकिन मीडिया इसे इसे टॉम टॉकिंग कहती है. जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपकी सबसे बड़ी असफलता क्या है? इस पर गोयल का कहना था कि वह मीडिया को समझा नहीं पाए यही उनकी सबसे बड़ी असफलता है.

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