भारत में लोकसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में हर किसी के मन में सवाल उठ रहा है कि मोदी सरकार ने 5 साल में क्या किया और कैसा है उनका स्कोर? इस मुद्दे पर इंडिया टुडे के मंच पर सामाजिक चिंतक प्रताप भानु मेहता ने कहा कि लोकतंत्र के पांच पिलर माने जाते हैं जो इन पांच सालों में पूरी तरह ध्वस्त हो गए.
मेहता ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि इस चुनाव में दांव बड़ा है लेकिन उम्मीद कम है. देश के ताजा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए मेहता ने कहा कि राष्ट्रवाद ने देश को विभाजित करने का काम किया. ऐसे में राष्ट्र गया. अगर आप सत्य जानने के लिए सवाल पूछते हैं तो आप राष्ट्र विरोधी घोषित कर दिए जाते हैं. इसका मतलब है सत्य गया. नागरिक स्वतंत्रता पर बात करते हुए मेहता ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष को भी साथ लेकर चलना मुनासिब नहीं समझती. इसका मतलब है कि आजादी गई.
प्रेस की स्वतंत्रता भी इन पांच सालों में प्रभावित हुई है. अंत में धर्म और सभ्यता पर भी इन पांच सालों में आंच आई है. इस तरह लोकतंत्र के पांच महत्वपूर्ण और जरूरी अंगों पर जमकर वार हुआ है जिससे वह पतन के कगार पर पहुंच गए हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मंच पर सामाजिक चिंतक प्रताप भानु मेहता ने सत्र MIRROR SESSION: STATE OF THE UNION; Democracy Now: The scorecard on Modi Sarkar में बहुत स्पष्टता से मोदी सरकार का लोकतंत्र के मामले में फेल होना बताया.
इंडिया टुडे समूह के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 18वां संस्करण का आज दूसरा और अंतिम दिन है. आज इस कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेने वाले हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुए पुलवामा हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बने तनाव और विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान द्वारा रिहा करने के बाद स्वदेश वापसी के बाद प्रधानमंत्री मोदी इस मंच पर आने वाले हैं और उम्मीद है कि वह इस प्रकरण पर अपना विचार रखेंगे.