लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है. इस आम चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन को लेकर है. इसका केंद्र उत्तर प्रदेश बना हुआ है. हो भी क्यों ना क्योंकि दिल्ली का रास्ता तो लखनऊ से होकर ही जाता है. यहां पर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. सपा और बसपा के इस गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है. बसपा और सपा के नेताओं से अक्सर यही सवाल किया जाता है कि क्या इस गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है. इस सवाल का जवाब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बेहतर कौन दे सकता है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 18वें संस्करण में पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस भी हमारे गठबंधन में शामिल है. उन्होंने कहा कि यूपी को हाथ भी पसंद है और हाथी भी पसंद है.
क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर यूपी में महागठबंधन बने इस सवाल का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दल हमारे साथ हैं और गठबंधन बना है. हमारा ये महागठबंधन ही है. जितने दल हमारे पास हैं उतने दल बीजेपी के अलावा किसी के पास नहीं हैं.
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस एमपी, झारखंड, राजस्थान में ज्यादा सीटें जीत सकती है. वहीं बसपा के साथ गठबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी लड़ाई संविधान बचाने को लेकर है. बसपा से हमारा विचारों का संगम है.
उन्होंने कहा कि साइकिल को हम दोनों मिलाकर चला रहे हैं. दरअसल अखिलेश से सवाल किया गया कि साइकिल को कौन चला रहा है. अखिलेश से जब सवाल किया गया कि क्या ये गठबंधन मोदी से डर के कारण हुआ है तो उन्होंने कहा कि किसी भी डर के कारण ये गठबंधन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैं मायावती को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने गठबंधन को स्वीकार किया. वहीं गेस्ट हाउस कांड को उन्होंने बीजेपी की भाषा करार दिया. उन्होंने कहा कि ये उन लोगों को हटाने का संगम है जिन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है.
क्या विचारों के संगम में नेताजी(मुलायम सिंह यादव) भी शामिल हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेताजी इसी लिए नेताजी हैं क्योंकि वो इसमें शामिल हैं. इस बार लोकसभा में मैं नहीं था. पिछली बार मैं उनके साथ था. उन्होंने मनमोहन सिंह को भी आशीर्वाद दिया था. क्या वो वापस आ गए. उनका आशीर्वाद हम जानते हैं. उनका आशीर्वाद हमसे अच्छा कोई नहीं जानता है.