scorecardresearch
 

India Today Conclave: बांग्लादेश से होती है सबसे ज्यादा घुसपैठ, सीमाओं को बांधना आसान नहीं

पाकिस्तान से ज्यादा बांग्लादेश, म्यांमार से देश में घुसपैठ होती है. उत्तर पूर्व के इलाकों में जंगलों, पहाड़ों, नदियों के जाल और कठिन घाटियों का फायदा उठाकर यह घुसपैठ देश में होती है.

Advertisement
X
इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में बोलते जनरल बिक्रम सिंह, ले.जनरल शौकीन चौहान और शंभु सिंह.
इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में बोलते जनरल बिक्रम सिंह, ले.जनरल शौकीन चौहान और शंभु सिंह.

Advertisement
  • उत्तर-पूर्व की सीमाओं को बांधना आसान नहीं
  • जंगलों और नदियों के सहारे होती है घुसपैठ

पाकिस्तान से ज्यादा बांग्लादेश, म्यांमार से देश में घुसपैठ होती है. उत्तर पूर्व के इलाकों में जंगलों, पहाड़ों, नदियों के जाल और कठिन घाटियों का फायदा उठाकर यह घुसपैठ देश में होती है. ये बातें कोलकाता में आयोजित इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान और सड़क परिवहन मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी शंभु सिंह ने कही.

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि उत्तर पूर्व में कुछ जगहों पर सीमाएं ऐसी हैं जहां पर सीमाओं को बांधना आसान नहीं है. बाड़ लगाना संभव नहीं है. चेकपोस्ट बनाना मुश्किल है. हमने इसके बावजूद कई प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा घुसपैठ बांग्लादेश और म्यांमार से ही होती है.

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि मुझे याद है कि 2012 में बीएसएफ की 82 बटालियंस इन सीमाओं पर तैनात थी. इस पूरी सीमा पर 1008 सीमा पोस्ट हैं. लेकिन बाड़ लगाना आसान नहीं था. आप कभी भी इतने भयानक हालात वाली सीमाओं पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था नहीं कर सकते. घुसपैठ को पूरी तरह से नहीं रोक सकते.

Advertisement

नदियों में कैसे बनाएंगे बाड़, जहां कुछ भी बहाव में नहीं टिकताः शंभु

सड़क परिवहन मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी शंभु सिंह ने कहा कि बांग्लादेश के साथ करीब 4300 किलोमीटर की सीमा है. करीब 1300 किलोमीटर की सीमा तो नदियों में हैं. नदियों का बहाव बहुत तेज है. यहां कुछ भी लगाना असंभव है. नगा हिल्स से भी घुसपैठ होती है लेकिन ये बेहद कम है. लेकिन जब आप बांग्लादेश से घुसपैठ देखेंगे तो पता चलेगा कि करीब एक दर्जन से ज्यादा जगहों से घुसपैठ होती है. वह भी नदियों के जरिए. वह भी बेहद खतरनाक इलाकों से. इन नदियों, जंगलों और मैनग्रूव्स से होने वाले घुसपैठ को रोक पाना बेहद मुश्किल होता है.

भारत में काम मिलता है इसलिए लोग करते हैं घुसपैठः जनरल विक्रम सिंह

मेक्सिको से लोग अमेरिका नौकरी के लिए आते है. उसी तरह देखें तो भारत में नौकरी है. काम है. यह बांग्लादेश में नहीं है. इसलिए लोग भागते हैं भारत की तरफ. अगर लोगों को अनुमति दें कि आप सुबह आओ और शाम को वापस जाओ तो शायद कुछ समस्या का समाधान हो. इसका दूसरा बड़ा कारण है ग्लोबल वार्मिंग. बढ़ते तापमान की वजह से भी लोग परेशान है. जब आप बड़ी तस्वीर देखते हैं तो पता चलता है कि ऐसी सीमाओं पर बेहद सतर्क जवानों की जरूरत है. आपको टेक्नोलॉजी बढ़ानी होगी. अत्याधुनिक सीमाएं बनानी होगीं

Advertisement

एक ही परिवार-समुदाय के लोग सीमाओं के आर-पार रहते हैंः शौकीन चौहान

ले. जनरल शौकीन चौहान ने कहा कि सीमा पोस्ट की बात करते हैं तो अगर 10-15 लोग पोस्ट को छोड़कर एक-दो किलोमीटर की सीमा की निगरानी करने जाएंगे तो पोस्ट खतरे में आ जाएगी. म्यांमार सीमा पर सात महीने बारिश होती है. आप एक मीटर के आगे देख नहीं सकते. ऐसे में कोई पोस्ट कैसे छोड़े? क्योंकि दोनों तरफ एक ही समुदाय के लोग रहते हैं. ये आपसी संबंध रखते हैं. ये एक ही परिवार के होते हैं. ये कभी पसंद नहीं करेंगे आप इनके परिवारों को अलग कर दे.

ले. जनरल चौहान ने कहा कि कोई भी व्यक्ति 16 किलोमीटर चलकर भयावह रास्तों से होते हुए परिवार से मिलने नहीं जाएगा. ये मांग करते हैं कि हमारे समुदाय के लोग एकसाथ रहेंगे तो हम विरोध और घुसपैठ बंद कर देंगे. सीमा के दोनों तरफ रहने वाले एक समुदाय के लोगों को एक आईडी कार्ड दे दो. ताकि उनका पता चल सके. हो सकता है कि ऐसे आईकार्ड देने हमारी समस्या का समाधान उस समुदाय के लोग ही कर दें.

चीफ ऑफ डिफेंस से देश मजबूत होगा, सेनाएं एक होंगीः बिक्रम सिंह

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि मैं सरकार को बधाई दूंगा कि उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस की पोस्ट बनाई. ये सरकार बहुत से ऐसे कदम उठा रही है जो सेना को मोरल बढ़ाती है. इसके पीछे कारण ये हैं कि तीनों सेनाओं का एक चीफ होगा. वह निर्णय लेगा तो इससे समय बचेगा. इससे रणनीति बनाने में मदद मिलती है. सीडीएस तभी बन सकता है जब उसके पास वैसे अधिकार हों. एक उम्दा पद दीजिए. अधिकार दीजिए और फिर देखिए कैसे तीनों सेनाओं में आपसी गठबंधन होता है. यह तीनों सेनाओं के नेतृत्व और गठजोड़ के लिए बेहतरीन पद है. हमारे सीडीएस के पास अधिकार हैं. सीडीएस के ऊपर एनएसए और कैबिनेट सेक्रेटरी है लेकिन सीडीएस का काम अलग हो जाता है. इससे सेना और सिविल का काम प्रभावित नहीं होता.

Advertisement

Advertisement
Advertisement