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#ConclaveEast18 : कोलकाता पहुंचा विचारों का सबसे बड़ा मंच

इंडिया टुडे समूह के एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा है कि देश के 12 पूर्वी राज्य शिक्षा और सभ्यता का प्रमुख केन्द्र होने के साथ-साथ देश की जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान करती है. कॉन्क्लेव का आगाज करते हुए अरुण पुरी ने कहा कि आने वाले साल में उत्तर पूर्व अहम भूमिका अदा करने के लिए तैयार है.

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पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार (फोटो- इंडिया टुडे)
पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार (फोटो- इंडिया टुडे)

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बारहवां सत्र

बॉलीवुड एक्टर अभि‍षेक बच्चन ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट 2018 में शिरकत की. अभिषेक ने अपनी पर्सनल लाइफ, ट्रोल, स्पोर्ट्स और ऐश्वर्या संग फिल्म करने को लेकर कई बातों के जवाब दिए.

उन्होंने 'द सीक्वल- लर्निंग एट द मूवीज' सेशन के दौरान अभि‍षेक ने उस सवाल का जवाब दिया.

उन्होंने अपनी पहली पहली कोलकाता यात्रा का जि‍क्र किया. अभिषेक ने कहा कि उनके पिता अमिताभ उन्हें कोलकाता लेकर गए थे. ये 80 के दशक की बात है. इस दौरान जब वे सत्यजीत रे के घर तो उन्होंने पूछा कि ये कौन है. तब अभिषेक को पता चला कि ये सत्यजीत रे हैं.

ग्यारहवां सत्रा: कन्वर्सेशन

खोसला का घोसला और शंघाई जैसी फिल्में बना चुके फिल्मकार दिबाकर बनर्जी ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट 2018 में शिरकत की. उन्होंने सेन्सरशिप, बंगाली कल्चर और बॉलीवुड फिल्मों पर बात की.

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दिबाकर ने कहा "मैं पूरी तरह से बंगाली नहीं है. यहां कल्चरल गैप है. मैं दिल्ली के करोलबाग के जन्मा हूं. मेरे अंदर हरियाणवी और पंजाबी कल्चर का मिश्रण भी है. दरअसल, जो 40 साल पहले बंगाल छोड़ चुके हैं और जो रह रहे हैं, उनके कल्चर में बहुत अंतर है."

आगे उन्होंने कहा, "मैं नास्त‍िक हं. किसी भी धर्म के पर्व को नहीं मानता, सिर्फ दुर्गा पूजा के दौरान होने वाली गेदरिंग को छोड़कर. इस दौरान लगने वाला मेला काफी पसंद है. इस दौरान तमाम तरह के फूड एक साथ खाने मिल जाते हैं." 

दसवां सत्र: दि बिग डिबेट

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दसवें अहम सत्र डि बिग डिबेट में इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट के गार्गा चटर्जी, आल इंडिया डेमोक्रैटिक वुमन्स एसोसिएशन की मालिनी भट्टाचार्या और पश्चिम बंगाल बीजेपी के  उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राहुल कंवल. 

इस सत्र की शुरुआत में राहुल कंवल ने कहा कि देश में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है. राहुल कंवल ने सवाल किया कि ये हिंसा वाकई बड़ी है कि राजनीति को चमकाने के लिए सांप्रदायिक दंगों को स्पॉन्सर किया जा रहा है? इस सत्र के दौरान गार्गा ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों में सिर्फ एक पार्टी को फायदा पहुंचता है वह है भारतीय जनता पार्टी. गार्गा ने कहा कि दंगा कोई भी भड़काए, फायदा सिर्फ बीजेपी को होगा. इसी लिए बंगाल में जो भी दंगा भड़काने का काम कर रहा है, इसका फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.

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जय प्रकाश ने कहा कि येल युनीवर्सिटी जानें की क्या जरूरत, हमें कोलकाता युनीवर्सिटी को  देखने की जरूरत है. जय प्रकाश ने कहा कि बीते दिनों में बंगाल में जब सांप्रदायिक माहौल खराब हुआ तो क्यों राज्य सरकार ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया. जय ने कहा कि बंगाल में दंगों का सीधा फायदा ममता को पहुंच रहा है. जय ने कहा कि मार्क्स ने कहा रिलिजन इज ओपियम फॉर मासेस, ममता ने कहा कि रिलिजन इज वोट बैंक पॉलिटिक्स एंड मोदी ने कहा कि रिलिजन समाज का वोट बैंक है. यही सोच का  फर्क है. ममता सरकार ने दुर्गा पूजा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार गलत है.

मालिनी भट्टाचार्या ने कहा कि जय मेरे स्टूडेंट होने का दावा करते हैं. लेकिन उन्होंने कुछ भी सीखा नहीं. मालिनी ने कहा कि लेफ्ट इतिहास में दर्ज नहीं हुआ है. मालिनी ने कहा कि बीते 6-7 साल के  दौरान पश्चिम बंगाल में आरएसएस कैसे मजबूत हुई? क्या बिना ममता से मिली मदद के यह राज्य में संभव है?  मालिनी ने दावा किया कि राज्य में टीएमसी की मदद से  आरएसएस ने पैर पसारे हैं और अब पूरा बंगाल इसका असर देख रहा है. लिहाजा, बीजेपी और टीएमसी को यह साफ करने की जरूरत है  कि क्या वाकई में दोनों के बीच में कोई समझौता है.

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नवां सत्र:  मी टू

एक सवाल के जवाब में श्रीलेखा ने कहा, "मैंने तनुश्री के वीडियो देखें. उसमें उनकी एक बात से मैं सहमत नहीं. तनु कह रही हैं कि अभी भी कई एक्टर नाना के साथ काम कर रहे हैं. मेरा मानना है कि पहले ये लड़ाई आप की है. और आपको जरूरत नहीं है कि पूरी इंडस्ट्री आप की लड़ाई में साथ ही हो."

श्रीलेखा ने कहा, "मैं उनका प्रोत्साहन करती हूं, उनके साथ खड़ी हूं. मैं मानती हूं कि चीजें बदली हैं. कम से कम कोलकाता में तो चीजें बदली ही हैं." मुझे लव सीन या किसिंग सीन में दिक्कत नहीं. लेकिन डबल मीनिंग के संवाद बोलने में परेशानी है. पूजा भट्ट

आठवां सत्र: फ्रेंड्स एंड नेबर्स

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के आठवें अहम सत्र में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेक हसीना के स्पेशल एडवाइजर गौहर रिजवी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया.

राहुल कंवल के सवाल पर गौहर ने कहा कि रोहिंग्या मामले पर बांग्लादेश में इस भारत का आंतरिक मामला माना जाता है वहीं इस मुद्दे को मीडिया में उस तरह नहीं उठाया जाता जैसा भारत में हो रहा है. गौहर रिजवी ने कहा कि उनसे बांग्लादेश सरकार ने कभी रोहिंग्या मामले पर कोई सलाह नहीं ली है.  हालांकि गौहर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांग्लादेश में बेहद पॉपुलर हैं.

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गौहर ने कहा कि उन्हें गैरकानूनी बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या का कोई अंदाजा नहीं है. हालांकि गौहर ने कहा कि यदि यह सुनिश्चित कर लिया जाता है कि कोई भी बांग्लादेशी नागरिक भारत में है तो उसे वापस लिया जाएगा. लिहाजा, भारत सरकार को पूरे सुबूत के साथ बांग्लादेश को बताया होगा कि कौन-कौन हमारे नागरिक हैं, हम उन्हें लेने के लिए तैयार रहेंगे.

सातवां सत्र:  इंसाइडर, आउटसाइडर

क्या आप असम से लाखों लोगों को डिपोर्ट करेंगे या फिर यह सिर्फ राजनीति है. राम माधव ने कहा कि किसी को भी देश से डिपोर्ट करने की तैयारी नहीं है. राम माधव ने कहा कि नेहरू सरकार ने डिपोर्ट करने का मसौदा 1950 के दशक में तैयार किया था.

हालांकि गैरकानूनी ढंग से देश में आए लोगों को पनाह देने का काम कोई भी देश नहीं करेगा. लिहाजा, भारत भी किसी गैर-भारतीय को देश में बसने नहीं देगा लेकिन इतना ध्यान रखा जाएगा कि इस प्रक्रिया में देश का एक भी नागरिक परेशान न हो.

लेकिन क्या आप बांग्लादेशी हिंदू को शरण देंगे और बांग्लादेशी मुसलमान को नहीं? राम माधव ने कहा कि संविधान के मुताबिक यदि कोई हिंदू, बौद्ध, जैन, इसाई इत्यादि भारत में शरण लेता है तो उसके लिए संविधान में प्रावधान है. राम माधव ने कहा कि एनआरसी रजिस्टर प्रक्रिया में धर्म का कोई कॉलम नहीं है. लेकिन सिटिजनशिप कानून यह निर्धारित करता है कि किस धर्म या मजहब के लोगों को शरण दी जा सकती है. कानून का यह नियम पूरे देश के लिए लागू होता है.

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आखिर रोहिंग्या के लिए आप संविधान के इस पक्ष का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? राम माधव ने कहा कि देश संविधान से चलता है न कि भावनाओं से. राम माधव ने कहा  कि जब दलाई लामा भारत  आए तब नेहरू सरकार ने उनका स्वागत किया. उन्हें कोई नागरिकता नहीं दी गई वह यहां विस्थापित सरकार चलाना चाहते थे. लेकिन रोहिंग्या समस्या अलग है और जो कदम हम उठा रहे हैं वैसा पूरी दुनिया में किया जा रहा है. राम माधव ने कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिकों की सरहद पर वॉल बना रहे हैं. ट्रंप की यह कवायद अपनी सीमा को सुरक्षित करने के  लिए है और यह प्रक्रिया दुनिया के सभी देशों में चलती है.

छठा सत्र: फिल्म्स, फैमिली, फेम

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के छठे सत्र फिल्म्स, फैमिली, फेम में एक्टर पॉलिटीशियन मुनमुन सेन और कोयल मलिक ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन मनोज्ञा लोइवाल ने किया. 

इस सत्र के दौरान मनोज्ञा ने सवाल किया कि यह मैं नहीं कह रही ये समाज कह रहा है. हम सभी जानते हैं कि जो मां कहती हैं वो पापा को मानना होता है. आप एक ऐसे परिवार से आती हैं जहां आपने राजसी माहौल देखा है. आपकी मां पहले से एक सुपरस्टार थीं. इतने मशहूर और बड़े परिवार से होने के बाद कैसा महसूस होता है?

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यह सिर्फ मेरी मां के बारे में नहीं है. यह सुनीति देवी के बारे में है (केशव चंद्र सेन की बेटी). इसके अलावा यह महारानी गायत्री देवी के बारे में है और भी तमाम महिलाओं के बारे में जो अपने बचपन से राजसी माहौल को जीती रही हैं. अपनी मां की बेटी होना मेरे लिए कैसा रहा है जैसा कि मैं कोयल के बारे में भी कह सकती हूं. आपके लिए सभी दरवाजे खुले होते हैं. आप गर्मियों के मौसम में एक मिठाई की दुकान में जाकर कहते हैं कि आपको गुड़ चाहिए और आपको गुड़ दिया जाता है. भले ही इसे उन्होंने सर्दियों के लिए बचा कर रखा हो. तो बस हर चीज तुरंत और मनमाफिक मिल जाया करती थी.

आपके जोन से लेकर कोयल के जोन तक. आपके उसके पापा को डेट किया है. मैं इस बात को माइंड नहीं करती लेकिन उसके पिता ऐसे शख्स थे जो यदि मेरे बगल में भी बैठे होते थे तो चार इंच की दूरी रखते थे. भले ही 4 लोग हमारे पीछे बैठे हों. उन्होंने कभी भी फायदा नहीं उठाया. उन्होंने किसी के लिए भी दिल में जगह नहीं रखी सिवाए कोयल की मां के.

पांचवा सत्र: दि बिग डिबेट- इंवेस्टर्स इंक

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के पांचवे सत्र दि बिग डिबेट- इंवेस्टर्स इंक- शुड आई बेट बिग ऑन बंगाल में गोयनका समूह के  चेयरमैन संजीव गोयनका, पैट्टन ग्रुप केक  एमडी संजय बुधिया और अंबुजा नेवतिया समूह के हर्षवर्धन नेवतिया ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया.

इस सत्र के दौरान तीनों कारोबारियों ने पश्चिम बंगाल को अगले इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने के लिए क्या  कदम उठाए जाने चाहिए पर चर्चा की. जहां संजीव गोयनका ने कहा कि पश्चिम बंगाल को एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री के हब के तौर पर विकसित किया जा सकता है.

राज्य में नई नौकरी पैदा करने के सवाल पर गोयनका ने कहा कि जबतक राज्य की जीडीपी बढ़ रही है और लोग तरक्की कर रहे हैं तब तक राज्य में नौकरियां आती रहेंगी. वहीं ममता को निवेश लाने का सुक्षाव देने के सवाल पर नेवतिया और बुधिया ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी नीतियों को जारी रखने की जरूरत है. गोयनका ने उदाहरण देते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों में सज्जन जिंदल, मुकेश अंबानी जैसे कारोबारियों ने निवेश किया है उसका अच्छा नतीजा मिला है. लिहाजा, राज्य सरकार को इस हकीकत को भी देखने की जरूरत है.

चौथा सत्र: कीनोट एड्रेस- जीएसटी एंड आफ्टर सेंटर वर्सेज स्टेट

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के चौथे अहम सत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया.

इस सत्र की शुरुआत करते हुए राहुल कंवल ने कहा कि पश्चिम बंगाल पेट्रोल-डीजल पर राहत देने का काम करेगा. अमित मित्रा ने कहा कि यह सरकार काम करना नहीं जानती है. अमित मित्रा ने कहा कि जब दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची तब मोदी सरकार को चाहिए था कि वह अपने रिजर्व को मजबूत करने का काम करते. मित्रा ने दावा किया कि इस दौरान अमेरिका ने यही काम किया और मोदी सरकार यहां चूक गई.

अमित मित्रा ने कहा कि अब जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर पहुंचने लगी तब मोदी सरकार ने 2.50 रुपये की राहत दी है. वहीं केन्द्र में यदि ममता सरकार रहती तो वह देश का स्ट्रेटेजिक रिजर्व बनाने का काम करती और उससे कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश करती.

राहुल कंवल ने पूछा कि क्या सस्ते कच्चे तेल से सरकार को पहुंचा फायदा उज्जवल  योजना पर खर्च कर दिया गया. और अब राहत देने के  लिए सरकार के पास फंड की  कमी है. अमित मित्रा ने कहा कि सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की स्थिति खराब हो रही थी भारत की सरकार सो रही थी और उसने भविष्य को ध्यान में नहीं रखा.

तीसरा सत्र: बंगाल टाइगर और 2019

इंडिया टुडे कॉन्क्वेल ईस्ट 2018 के तीसरे अहम सत्र में सीपीआई-एम सांसद मोहम्मद सलीम और राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने किया.

रूपा गांगुली ने कहा कि जिन्हें मोहरर्म के दौरान तलवार पर आपत्ति नहीं होती वे दुर्गा पूजा पर त्रिशूल पर सवाल उठा रहे हैं. मोहम्मद सलीम ने कहा कि जबतक धर्म मंदिर और मस्जिद में है तबतक ठीक है. रूपा और सलीम से राजदीप ने पूछा कि आखिर क्यों धर्म को सड़क पर लाया जा रहा है?

रूपा गांगुली ने कहा कि बंगाल में हमेशा मोहरर्म और पूजा 2-3 दिनों के अंतर पर आता था. लेकिन ममता बनर्जी ने इस संतुलन का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की है. वहीं मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और काली पूजा की सरकार द्वारा नहीं बल्कि सार्वजनिक फंडिग से कराया जाता है. लेकिन ममता सरकार ने बंगाल संभालने के बाद सरकार का पैसा खर्च कर राजनीतिक फायदा उठाने का काम किया है. सलीम ने कहा कि सभी धर्म के लोगों को पूजा या नमाज मंदिर अथवा मस्जिद तक सीमित रखने की जरूरत है.

इस सत्र के  दौरान रूपा गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल में यदि पुल भी गिर जाए तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उसमें भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जोड़ने का काम करती हैं.

दूसरा सत्र: कंवर्सेशन

इस सत्र में संगीतकार अनुपम रॉय और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शिरकत की. ब्रायन के सवालों का जवाब देते हुए अनुपम ने बताया कि स्कूल के दौरान उनके ऊपर साइंस पढ़ने का दबाव था. इसके चलते पिता के निर्देश पर चलते हुए उन्होंने इंजीनियरिंग की. इसी रास्ते पर चलते हुए वह अमेरिका पहुंचे और संगीत के लिए उनका रास्ता खुला.

अनुपम ने बताया कि किस तरह बंगलुरू में नौकरी करते हुए उनका मन नहीं लग रहा था और वह संगीत की दुनिया में आने के लिए परेशान थे. अंत में 6 साल तक काम करने के बाद वह वापस कोलकाता लौट आए और संगीत लेखन से वह काम शुरू किया जो वह बचपन से करना चाहते थे.

अनुपम ने कहा कि वह मी टू मूवमेंट के बड़े सपोर्टर हैं. अनुपम ने कहा कि उनकी कई महिला मित्रों ने किसी न किसी तरह की छेड़खानी का सामना किया है और वह इस मूवमेंट के जरिए खुलकर बाहर आई हैं. अनुपम के मुताबिक चीजों को सही तरीके से करने के  लिए यह मूवमेंट एक अहम जरिया है और फिलहाल इस मूवमेंट की दिशा ठीक है. 

पहला सत्र: दि गोल्डन स्टार्स

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के पहले सत्र में एथलीट स्वपना बर्मन, वुमन क्रिकेट की पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी और वुमन हॉकी कैप्टन रानी रामपाल ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन बोरिया मजूमदार ने किया.

स्वप्ना बर्मन ने कहा कि उनके लिए एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल बहुत महत्वपूर्ण था. इस ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अब डर लगने लगा... सब का सपना है कि मैं ओलंपिक से मेडल लाऊं. अब मेरे लिए नई चुनौती है.

वहीं झूलन गोस्वामी ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी स्पोर्ट्स में नहीं रहा. मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण उन्हें करियर की शुरुआत करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. पूरा समाज उनके इस कदम के खिलाफ खड़ा था लेकिन फिर सफलता के बाद धीरे-धीरे चीजें कुछ सामान्य हो गई. झूलन ने कहा कि उनका बचपन से सिर्फ एक सपना था कि वह भारत के लिए क्रिकेट खेलें.

Champions each one of them. @Swapna_Barman96 @Imraniampal @JhulanG10 Love their self belief. Their confidence is sky high. The level of effort that each one has put in is awe inspiring. #ConclaveEast18 Salute. pic.twitter.com/oGBLLDUgTI

रानी रामपाल ने बताया कि हरियाणा में उनके लिए  घर से निकलना, स्पोर्ट्स के लिए सोचना बेहद मुश्किल था. हालांकि कोच और परिवार के सपोर्ट से वह इस मुकाम तक पहुंची हैं. रानी ने बताया कि उनका कच्चा घर था, बारिश में काफी मुश्किल होती थी. लिहाजा, सफलता के बाद कुछ पैसे मिलते ही उन्होंने अपने परिवार के लिए पक्का घर बनवाने का काम किया.

देश में विचारों का सबसे बड़ा मंच पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सजा है. अलगे दो दिनों (अक्टूबर 5-6) तक इस मंच पर उत्तर पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत मोदी सरकार के बड़े मंत्री, अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता, प्रमुख अर्थशास्त्री के साथ-साथ फिल्म और खेल जगत से कई जानी मानी हस्थियां शिरकत करेंगी.

इंडिया टुडे समूह की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी के मुताबिक इस मंच पर समूह विचारों के लोकतांत्रिक आदान-प्रदान का पक्षधर है. इस मंच से अगले दो दिनों तक पूर्वी राज्यों की समस्याओं और उपलब्धियों पर जानी-मानी हस्तियां खुलकर अपना विचार रखेंगे. वहीं केन्द्र और राज्य सरकार के प्रमुख मंत्री कई ज्वलंत सवालों पर अपना मत रखेंगे.

इंडिया टुडे समूह के एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा है कि इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट देश के 12 पूर्वी राज्य शिक्षा और सभ्यता का प्रमुख केन्द्र होने के साथ-साथ देश की जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान करती है. देश में चल रहे लगभग 8,000 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में कुल 23 फीसदी इन राज्यों में चल रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तर-पूर्वी सेवेन सिस्टर्स शामिल हैं.

कॉन्क्लेव का आगाज करते हुए अरुण पुरी ने कहा कि आने वाले साल में उत्तर पूर्व अहम भूमिका अदा करने के लिए तैयार है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में आपका स्वागत है. मुझे यहां आकर काफी प्रसन्नता हो रही है और यहां आए आप सभी लोगों के प्रति  भी आभारी हूं.

पुरी ने कहा कि बंगाल आज जो सोचता है, भारत कल जाकर वह करता है. आज यही बात बंगाल के पड़ोसी 11 देशों के लिए भी कही जा सकती है. समूचा पूर्वी भारत भारत के कई प्रतिस्पर्धी विचारों या ट्रेंड या विकास की प्रयोगशाला बन चुका है.

पूर्वी भारत रचनात्मक और विनाशक दोनों तरह की भावनाओं का एक लघु स्वरूप है, जो भारत को रोमांचक तो बनाता है, साथ में उलझन में भी डालता है. पूर्वी भारत में काम कर ही ताकतों के बारे में बात करने से पहले आपको मैं उसको पृष्ठभूमि की जानकारी देना चाहूंगा, जिसमें ये ताकतें काम करेंगी.

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