सीपीआई-एम ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को आरएसएस का सबसे बड़ा आविष्कार करार दिया है. इंडिया टुडे के कार्यक्रम 'कॉन्क्लेव ईस्ट-2018' में शिरकत कर रहे सीपीआई-एम सांसद मोहम्मद सलीम ने ये बयान दिया। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के विकास और कानून-व्यवस्था पर बहस हो रही थी. इस बहस में बीजेपी की ओर से राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ने पार्टी का पक्ष रखा.
मोहम्मद सलीम ने बीजेपी और टीएमसी के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप देखिए कि बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे के खिलाफ मुद्दों पर लड़ रहे हैं. जहां तक जनता से जुड़े मुद्दों का सवाल है तो लेफ्ट अभी भी सड़कों पर है. मो. सलीम ने आगे कहा कि ममता बनर्जी, संघ का सबसे बड़ा आविष्कार थीं. मो. सलीम ने अपनी बात पर जोर देकर कहा, "ममता बनर्जी आरएसएस का सबसे बड़ा आविष्कार थीं. जब वो कांग्रेस में थीं, उन्हें आगे बढ़ाया गया. जब वो कांग्रेस की यूथ लीडर थीं, तब तृणमूल कांग्रेस बनाई गई.उस समय ममता बनर्जी ने कहा था कि आरएसएस के लोग देशभक्त हैं. आप हमें एक प्रतिशत समर्थन दीजिए, उन्होंने खुशी-खुशी 100 फीसदी समर्थन दिया. आज भी आरएसएस के लोग कहते हैं कि अगर आरएसएस ना होता तो जो ममता आज है वो नहीं होतीं, इसलिए वो ममता को दुर्गा कहते हैं।"
बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई महज छलावा
मोहम्मद सलीम ने कहा कि ऐसा कहने के लिए उनके पास तथ्य है. दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुए एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा था कि आरएसएस के लोग सबसे बड़े देशभक्त होते हैं. अभी पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई महज छलावा है. उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा कि नारद स्टिंग केस का क्या हुआ, शारदा केस का क्या हुआ? जब चुनाव आता है तो सांसदों को समन भेजा जाता है.
'कॉन्क्लेव ईस्ट-2018' में चल रहा पूर्वोत्तर के विकास पर मंथन
कोलकाता में इंडिया टुडे का कार्यक्रम 'कॉन्क्लेव ईस्ट-2018' चल रहा है। दो दिनों (5-6 अक्टूबर) तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर राज्यों का राजनीतिक नेतृत्व शिरकत कर रहा है। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम के अलावा केन्द्र सरकार के मंत्री भी पूर्वी राज्यों की दशा-दिशा पर अपनी राय रख रहे हैं. विचारों के इस मंथन में सिने कलाकार, खेल के चमकते सितारे भी अपने अनुभवों और संघर्ष की कहानी, दुनिया को बता रहे हैं.