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रामदेव से मुलाकात और मतभेद के सवाल पर खुलकर बोले आचार्य बालकृष्ण

बालकृष्ण ने कहा कि हमलोग गुरुकुल में साथ पढ़ते थे. मैं हमेशा उन्हें बड़े भाई के रूप में देखता था. उन्हें भ्राता (भाई) कहकर बुलाता था. हमने जो भी किया बेहद ईमानदारी से किया, परिश्रम से किया. मैं उन्हें कई रूपों में देखता हूं.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में आचार्य बालकृष्ण
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में आचार्य बालकृष्ण

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  • आचार्य बालकृष्ण ने बेबाकी से दिए सभी जवाब
  • रामदेव हमारे अभिभावक हैं- आचार्य बालकृष्ण

कोलकता में चल रहे इंडिया टुडे ग्रुप के लोकप्रिय और चर्चित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' के सेशन 'आयुर्वेद कैसे आपको फिट रख सकता है' में पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण शामिल हुए. इस दौरान बालकृष्ण ने रामदेव की मुलाकात से लेकर मतभेद तक के सवाल पर बेबाकी से जवाब दिया.

बालकृष्ण ने कहा कि हमलोग गुरुकुल में साथ पढ़ते थे. मैं हमेशा उन्हें बड़े भाई के रूप में देखता था. उन्हें भ्राता (भाई) कहकर बुलाता था. हमने जो भी किया बेहद ईमानदारी से किया, परिश्रम से किया. मैं उन्हें कई रूपों में देखता हूं. जब आप किसी के बारे में नहीं जानते तो टिप्पणी करना आसान होता है लेकिन जब आप किसी को जानते हैं तो कुछ भी कहना बहुत कठिन हो जाता है. 

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आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सफलता का मंत्र परिश्रम होता है, उसका कोई शार्टकट रास्ता नहीं होता है. उन्होंने कहा कि रामदेव हमारे अभिभावक हैं, मैं उन्हें अपने गुरु के रूप में देखता हूं.

रामदेव से मतभेद पर दिया ये जवाब

रामदेव से मतभेद के सवाल पर बालकृष्ण ने कहा कि उनके और रामदेव के बीच किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है. लेकिन एक विजन रचनात्मक काम को जमीन पर उतारने के विचारों में विभिन्नता होना जरूरी है. आप को जब बड़ा लक्ष्य हासिल करना है तो विचारों में मतभेद जरूरी है. हालांकि उन्होंने कहा कि उनके और रामदेव के बीच किसी तरह का कोई मतभेद कभी नहीं रहा है.

उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि आयुर्वेद शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है. जो हमारे जीवन का इतिहास बताता है. वही आयुर्वेद है. मुसलमान शासकों ने यूनानी पद्धति को बढ़ाई. अंग्रेजों ने एलोपैथी फैलाई. लेकिन अब पूरी दुनिया आयुर्वेद को वापस मान रहा है. दुनिया कहती है कि भारत के पास यह सबसे बड़ा गुण है.

बालकृष्ण ने कहा कि हमने ऐसा कोई काम नहीं किया, जो हम नहीं जानते थे. बेसिक नॉलेज हमारा अच्छा है. इसीलिए योग और आयुर्वेद को पूरी दुनिया में ले गए. बदले में लोगों ने हमें प्यार दिया. इसलिए इसे कंपनी कहें या संस्थान कहें लेकिन मैं तो इसे लोगों का प्यार कहता हूं.

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उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने पूरे देश में योग को फैलाया. पंतजलि में दुनिया भर से 80 देशों के लोग आते हैं. पूरे देश में हमारे 1500 अस्पताल हैं. हम हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों का इलाज करते हैं. हम बुद्धि, क्षमता का उपयोग कर सकते हैं. इसलिए हम वैज्ञानिकों को साथ ले आए.

पतंजलि ने खोजे हैं मेडिसिनल प्लांट्स

उन्होंने कहा कि जब हम आयुर्वेद की बात करते हैं तो जो रिसर्च आयुर्वेद में होना चाहिए वो नहीं हो रहा है. पतंजलि 3.60 लाख प्रजातियों के पौधे को तैयार कर रहा है. पतंजलि चेक लिस्ट बना रहा है, जिसमें यह पता चलेगा कि 62 हजार मेडिशिनल प्लाट्ंस हैं. ये काम सिर्फ पतंजलि ही कर रहा है.

बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि या स्वामी रामदेव जो कहते हैं वह बदल नहीं सकता. पतंजलि का फोकस एरिया अभी रिसर्च है. नेचर फार्माकोलॉजी की मैगजीन पंतजलि का पहला प्रयास है. डायबिटीज का बेहतरीन इलाज है आयुर्वेद में. लेकिन अब हम एविडेंस बेस्ड मेडिसिन का क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं. हमारा प्रयोग चल रहा है. परिणाम आते ही सबको बताएंगे.

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