इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे और आखिरी दिन आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और पी साईनाथ जैसी महान हस्तियों ने शिरकत की. कॉन्क्लेव के दौरान 'How to Rig an Election' किताब के लेखक Brian Klaas (ब्रायन क्लास) ने चुनावों में धांधली के मुद्दे पर चर्चा की. इस दौरान इंडिया टुडे के Consulting Editor राजदीप सरदेसाई ने उनसे कई सवाल पूछे, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया.
ब्रायन क्लास ने कहा कि आज दुनियाभर में चुनाव तो बहुत ज्यादा हो रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में मंदी (democracy in recession) है. उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि आज दुनिया के कई देशों में चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली होती है. चुनाव में हेरफेर लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. उन्होंने ग्राफ के जरिए समझाया कि दुनियाभर को देखें तो लोकतंत्र की तुलना में अथॉरिटेरीअन देश ज्यादा हैं. ऐसे में लोकतंत्र में विश्वास जगाने के लिए चुनावों में धांधली से बचना होगा. ब्रायन ने दुनिया के कई देशों में चुनाव के दौरान होने वाली हेराफेरी को उदाहरण के जरिए समझाया.
राजदीप सरदेसाई ने उनसे कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से चुनाव होते हैं. राजनैतिक पार्टियां अक्सर ईवीएम में टैंपरिंग का आरोप लगाते हैं. आप ईवीएम टैंपरिंग के खतरे को कैसे देखते हैं, क्या यह संभव है. जवाब में ब्रायन ने कहा कि ईवीएम के हैकिंग से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने समझाते हुए कहा कि पहले बैलट पेपर से चुनाव होता था. ऐसे में बड़े पैमाने पर बैलट पेपर छपवाए जाते थे. बड़ी संख्या में मतपेटी होती थी. इसलिए उस समय चुनाव में धांधली करना ज्यादा मुश्किल था. आज डिजिटल युग है. ऐसे में उसकी तुलना में ईवीएम को हैक करना ज्यादा आसान है. ऐसे में ईवीएम को हैकिंग से सुरक्षित नहीं माना जा सकता.
ब्रायन ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अमेरिका से बड़ा लोकतांत्रिक देश है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगाना होगा. सरकार को एजेंसियों के गलत इस्तेमाल से बचना होगा. राजदीप ने कहा कि भारत में आज 44 करोड़ लोगों के पास मोबाइल है. क्या इससे चुनावों में खतरा हो सकता है. इस पर ब्रायन ने कहा कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना देकर वोटरों को लुभाने का खतरा बना रहता है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे चुनावी धांधली से बचने के लिए चुनाव आयोग को सजग रहना होगा.
राजदीप ने कहा कि हम लोकतंत्र की बात करते हैं लेकिन आज के कुछ युवा मानते हैं कि कड़े फैसले के लिए लोकतंत्र की बजाय डिक्टेटर ज्यादा सही हैं. इस पर ब्रायन ने विस्तार से बताते हुए कहा कि आप कुछ युवाओं पर सर्वे करें. उन्हें ऑपशन दें कि वे अपने बच्चे को लोकतांत्रिक या अथॉरिटेरीअन किस देश में जन्म देना चाहेंगे. आप पाएंगे कि ज्यादातर युवा लोकतांत्रिक देश को पसंद करेंगे. उन्होंने कहा जब चुनी हुई सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती तो जनता का लोकतंत्र से भरोसा टूटता है.