किसानों को कर्जमाफी से सिर्फ त्वरित फायदा जरूर मिलता है, लेकिन इससे उनकी समस्याओं का पूरी तरह से समाधान नहीं होता है. यह बात केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कही. शुक्रवार को वो इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के अहम सत्र 'दि फार्म क्राइसिस मार्च ऑफ डिस्ट्रेस' में शिरकत करने पहुंचे थे. उनके साथ राज्यसभा सांसद राजीव गौडा ने भी इस सत्र में हिस्सा लिया.
इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया. एक सवाल पर शेखावत ने कहा कि कर्जमाफी किसानों की समस्या का पूर्ण समाधान नहीं है. देश में सबसे बड़ी चुनौती फूड सिक्योरिटी की है. किसानों को कर्जमाफी का कोई फायदा नहीं पहुंचता है. कर्जमाफी किसानों को सिर्फ त्वरित लाभ पहुंचाती है. केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए हैं.
मोदी सरकार के खिलाफ किसानों की नाराजगी के सवाल पर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों का गुस्सा कांग्रेस के 60 साल के कार्यकाल का नतीजा है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने किसानों की समस्याओं के पूर्ण समाधान की कोशिश नहीं की. लिहाजा किसानों की समयस्या समय के साथ बढ़ती चली गई. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए उत्पादन की जगह उनकी आमदनी को केन्द्र में लाना चाहती है. साथ ही साल 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहती है.
इसके अलावा राज्यसभा सांसद राजीव गौडा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस की नीतियों पर ही आगे बढ़ रही है. कांग्रेस पार्टी ने किसानों के लिए लंबे समय का कार्यक्रम तैयार किया था, जिसके परिणाम जल्द दिखने लगेंगे. गौडा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने MSP में वृद्धि कर किसानों की आमदनी में इजाफा करने का प्रयास किया. इसके बाद इंफ्रा को मजबूत करने के लिए मनरेगा का भी उद्देश्य किसानों को सीधा फायदा पहुंचाना था, जिससे उनकी कमाई बढ़ सके.
शुक्रवार से शुरू हुए दो दिवसीय इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के तीसरे संस्करण में राजनीति, फिल्म और कारोबार से जुड़ी कई हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के पहले दिन देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा हुई. अब 22 दिसंबर को कॉन्क्लेव के आखिरी दिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू मंच पर होंगे. राष्ट्रीय दलों के अन्य दिग्गज नेताओं के अलावा कॉन्क्लेव पर दक्षिण भारत से कलाकार भी शिरकत करेंगे.