2005 से पहले बदहाल था बिहार
इंडिया टुडे के खास कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' में सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2005 से पहले बिहार एक तरह से अफगानिस्तान था. उन्होंने कहा कि बिहार में 2005 से पहले अपराध चरम पर था. तंज कसते हुए सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी ने तो लालटेन को चुनाव-चिह्न बना दिया, क्योंकि उन्हें लगता था कि लोग लालटेन लेकर ही घर से निकलेंगे. लेकिन आज गांवों में 18 घंटे तक बिजली मिलती है.उन्होंने कहा कि बिहार में अगले साल जून-जुलाई तक घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. बिहार की सड़कें आज देख लीजिए, और आने वाले दिनों में सभी गांवों को सड़कों से जोड़ दिया जाएगा. जहां तक उद्योग की बात है तो आज अगर कोई उद्योगपति आकर बोलेंगे कि मुझे 100 एकड़ जमीन चाहिए, तो हम जमीन नहीं दे पाएंगे क्योंकि हमारे पास जमीन नहीं है.
बिहार में बड़े उद्योग नहीं लग सकते
सुशील मोदी ने कहा, 'हम जानते हैं कि बिहार में बड़े उद्योग नहीं लग सकते हैं. हमें कृषि पर फोकस करना होगा. आपको देखना होगा कि 2005 से पहले बिहार क्या था, और 2019 में बिहार क्या है?' उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पंचायत में 55 फीसदी महिलाओं की भागीदारी है.शिक्षा बजट में बढ़ोतरी
सुशील मोदी की मानें तो बजट का 18 फीसदी बिहार सरकार शिक्षा पर खर्च करती है. यानी करीब 32,000 करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च करने की योजना है. 5 मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं और 11 खुलने वाले हैं. 2005 से पहले बिहार में एक नर्सिग कॉलेज नहीं था. आज बिहार की महिलाएं सुरक्षित हैं. घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है, शराबबंदी की वजह से अपराध कम हुआ है.इसके अलावा बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर पीएम मोदी ने 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य दिया है तो इंतजार कीजिए. पीएम मोदी ने इसके लिए 5 साल का वक्त निर्धारित किया है. अगर अभी 5 फीसदी जीडीपी है तो आने वाले दिनों में बेहतर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.