बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अगले आम चुनाव में पार्टी की नैया पार लगा सकते हैं जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की किस्मत बदलने में नाकाम रह सकते हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप-सी वोटर के ताजा सर्वे के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस का सफाया हो सकता है जबकि बिहार में बीजेपी को फायदा हो सकता है. इसके अलावा यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी को फायदा हो सकता है.
कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले यूपी के अमेठी और रायबरेली को छोड़कर पूरे सूबे में कांग्रेस की नैया डूबती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो यूपी में कांग्रेस केवल चार सीटों तक सिमट सकती है. 2009 में हुए आम चुनाव में पार्टी को 21 सीटें मिली थीं.
ताजा सर्वे के मुताबिक यूपी में बीजेपी की सीटें 10 से बढ़कर 30 होने का अनुमान है. सपा को पिछली बार की 23 की तुलना में 20 सीटें मिल सकती हैं वहीं, बीएसपी की सीटें 20 से बढ़कर 24 हो सकती हैं. अमेठी में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास से कोई खतरा नहीं है.
उत्तराखंड में कांग्रेस को चार सीटों का नुकसान तो बीजेपी को इतनी ही सीटों का फायदा होता दिख रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को पांच सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था.
सर्वे के मुताबिक बिहार में सत्तारुढ़ जेडी(यू) से अलग होने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है. पिछले आम चुनाव में बीजेपी और जेडी(यू) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. उस वक्त बीजेपी के खाते में केवल 12 सीटें जबकि जेडी(यू) के खाते में 20 सीटें गई थीं. लेकिन इस बार हालात अलग हैं. अगर आज की तारीख में चुनाव हुए तो बीजेपी को 22 सीटें मिलती हैं जबकि जेडी(यू) के सीटों की संख्या घटकर महज चार तक चली जाएगी.
बिहार में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को सात सीटों का फायदा होता दिख रहा है और यह आंकड़ा 11 तक पहुंचने का अनुमान है. लोक जनशक्ति पार्टी का खाता खुल सकता है.लेकिन उसे एक ही सीट से संतोष करना पड़ सकता है. कांग्रेस की संख्या (2) में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 2 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है और पार्टी की सीटें 10 से घटकर आठ रह सकती हैं. राज्य में कांग्रेस को फायदा होता दिख रहा है और उसकी सीटें 1 से बढ़कर तीन होने का अनुमान है.
झारखंड में मोदी का जादू चलता नहीं दिख रहा है और पार्टी की सीट संख्या आठ की आठ ही रहने का अनुमान है. यही हालत झारखंड मुक्ति मोर्चा (2) और कांग्रेस (1) की रहने वाली है. झारखंड विकास मोर्चा को एक सीट का फायदा होता दिख रहा है और उसे दो सीटें मिल सकती हैं.
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को भारी नुकसान होता दिख रहा है. पार्टी की सीटें 33 से घटकर 7 रह सकती हैं. तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसदों की संख्या 2 से बढ़कर 13 होने का अनुमान है जबकि वाईएसआर कांग्रेस को 13 सीटें मिल सकती हैं. तेलुगु देशम पार्टी को दो सीटों का फायदा हो सकता है और यह आठ तक पहुंच सकता है. बीजेपी का खाता खुलना मुश्किल लग रहा है.
सर्वे के मुताबिक दिल्ली में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हालत विधानसभा चुनाव की तरह रहने वाली है. यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस का खाता खुलना भी मुश्किल है. आम आदमी पार्टी के खाते में पांच सीटें जबकि बीजेपी की झोली में दो सीटें जा सकती हैं.
पंजाब में कांग्रेस को दो सीटों का नुकसान होने का अनुमान है और यह छह तक सिमट सकती है. शिरोमणि अकाली दल के खाते में एक सीट बढ़कर पांच होने का अनुमान है. बीजेपी को भी एक सीट का फायदा होता दिख रहा है और यह दो हो सकता है.
हरियाणा में कांग्रेस की सीटें 9 से घटकर एक तक सिमट सकती हैं. सूबे में बीजेपी का खाता खुल सकता है और इसे छह सीटें मिल सकती हैं. 'आप' और इनेलो के खाते में एक-एक सीटें जाने का अनुमान है. एक सीट हरियाणा जनहित कांग्रेस के खाते में जा सकती है.
गुजरात में सत्तारुढ़ बीजेपी को छह सीटों का फायदा हो सकता है और यह आंकड़ा 21 तक पहुंचने का अनुमान है. कांग्रेस को छह सीटों का नुकसान हो सकता है और पार्टी के खाते में केवल पांच सीटें ही रह सकती हैं.
महाराष्ट्र में कांग्रेस को आठ सीटों का नुकसान होता दिख रहा है और यह नौ तक सिमटने का अनुमान है. शिवसेना को तीन सीटों का फायदा हो सकता है और पार्टी के सीटों की संख्या 14 तक पहुंच सकती है. बीजेपी के सीटों की संख्या बढ़कर नौ से 14 होने का अनुमान है.
एनसीपी को तीन सीटों का नुकसान होता दिख रहा है और यह पांच तक सिमट सकती है. आरपीआई और एमएनएस के खाते में दो-दो सीटें आ सकती हैं. 'आप' को भी एक सीट मिल सकती है.
येदियुरप्पा की वापसी के बावजूद कर्नाटक में बीजेपी को घाटा होता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक राज्य में पार्टी की लोकसभा सीटों की संख्या 19 से घटकर 13 हो सकती है. कांग्रेस को छह सीटों का फायदा होने का अनुमान है और यह 12 तक पहुंच सकती है.
ओडिशा में सत्तारुढ़ बीजू जनता दल को एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है और पार्टी 13 सीटों तक सिमट सकती है. कांग्रेस को दो सीटों का फायदा होता दिख रहा है और यह आठ तक पहुंच सकती है. बीजेपी का इस बार भी खाता खुलता नहीं दिख रहा है. सीपीआई का इस बार खाता खुलना मुश्किल है.
हिमाचल में बीजेपी और कांग्रेस की सीटों में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है. पिछले आम चुनाव में बीजेपी के खाते में तीन जबकि कांग्रेस के खाते में एक सीट गई थी.
जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस को दो सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. अब्दुल्ला की पार्टी इस बार एक सीट तक सिमट सकती है. कांग्रेस को भी एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है और यह एक सीट तक सिमट सकती है. बीजेपी का इस बार खाता खुल सकता है और इसे दो सीटें मिलने का अनुमान है. पीडीपी का भी बीजेपी जैसा हाल हो सकता है.
तमिलनाडु में डीएमके को 13 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक पार्टी को केवल पांच सीटें ही मिल सकती हैं. राज्य की सत्तारुढ़ एआईडीएमके को 20 सीटों का फायदा होने का अनुमान है और यह आंकड़ा 29 तक पहुंच सकता है. कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है और इस बार उसका खाता खुलना भी मुश्किल है. अनुमान है कि कांग्रेस के खाते की 8 में एक भी सीट नहीं बच पाएगी.
असम में कांग्रेस की सीटों में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है. पार्टी की सीटें सात ही रह सकती हैं. बीजेपी को एक सीट का फायदा हो सकता है और यह पांच तक पहुंच सकती है. पिछले चुनाव में एक सीट पाने वाली असम गण परिषद का इस बार खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है.