लोकसभा के चुनावी सेमीफाइनल के लिए वोटिंग पूरी हो चुकी है. अब बस राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में चुनाव परिणाम आने बाकी हैं. बुधवार को वोटिंग पूरी होने के बाद एग्जिट पोल पर नजर डाली जाए तो इन पांचों राज्यों में बीजेपी को फायदा होता नजर आ रहा है. इंडिया टुडे-ओआरजी का एग्जिट पोल इशारा करता रहा है कि रूलिंग पार्टी कांग्रेस पर बीजेपी भारी पड़ रही है.
राजस्थान में नहीं चल रहा गहलोत का जादू
एग्जिट पोल के आंकड़ों पर यदि यकीन किया जाए तो राजस्थान में कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लोक-लुभावन नीतियों ने काम नहीं किया. राज्य में 4 प्रतिशत का वोट स्विंग होता दिख रहा है. यह 4 प्रतिशत वोट कांग्रेस से छिटककर बीजेपी की झोली में गिरता दिख रहा है.
इसी 4 प्रतिशत के स्विंग से कांग्रेस को 34 सीटों का नुकसान हो रहा है तो बीजेपी को 32 सीटों का लाभ हो रहा है. अन्य के खाते में 2 सीटों का इजाफा हो रहा है. इस आधार पर यदि देखा जाए तो बीजेपी को 200 में से 110 सीटों पर जीत हासिल हो रही हैं और कांग्रेस की सीटें 62 तक सिमटती नजर आ रही हैं. 2008 में कांग्रेस के पास 96 सीटें थीं और बीजेपी के पास 78. 2008 में अन्य के पास 26 सीटें थीं.
इस सर्वे के अनुसार ऐसी स्थिति बन रही है-
कुल सीटें - 200
बीजेपी - 2008 में 78 सीटें, इस बार 110 (32 सीटों के फायदे का अनुमान)
कांग्रेस - 2008 में 96 सीटें, इस बार 62 (34 सीटों का नुकसान का अनुमान)
सीएम के तौर पर न वसुंधरा राजे, न गहलोत
इंडिया टुडे-ओआरजी के एग्जिट पोल के अनुसार, राजस्थान के लोग पूर्ण रूप से किसी भी नेता को सीएम के तौर पर वोट नहीं कर रहे. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को 41 प्रतिशत लोग सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं तो कांग्रेस नेता और वर्तमान सीएम अशोक गहलोत को 39 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद करते हैं. 10 प्रतिशत लोगों ने किरोड़ी लाल मीना को वोट दिया.
मध्य प्रदेश में फिर से शिवराज का 'राज'
इस एग्जिट पोल के अनुसार, मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 138 बीजेपी जीत रही है और शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम बनने जा रहे हैं. यदि ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत की हैट्रिक लग जाएगी.
हालांकि बीजेपी को मध्य प्रदेश में 5 सीटों का नुकसान हो रहा है. लेकिन यह नुकसान इतना बड़ा नहीं है कि राज्य में बीजेपी की जड़ हिला पाए. यह भी देखने वाली बात है कि राज्य में बीजेपी का 3 प्रतिशत वोट बढ़ा है. 2008 में बीजेपी के पास 143 सीटें थीं.
वहीं, अगर कांग्रेस की बात की जाए तो पार्टी के खाते में 80 सीटें आ रही हैं. 2008 की बजाय कांग्रेस को 9 सीटों का फायदा मिल रहा है. 2008 में कांग्रेस के पास 71 सीटें थीं. कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी 4 प्रतिशत बढ़ रहा है.
इस सर्वे के अनुसार ऐसी स्थिति बन रही है-
कुल सीटें - 230
बीजेपी - वर्तमान 143 सीटें, इस बार 138 (5 सीटों के नुकसान का अनुमान)
कांग्रेस - वर्तमान 71 सीटें, इस बार 80 (9 सीटों का फायदे का अनुमान)
पसंदीदा सीएम की रेस में शिवराज आगे
मध्य प्रदेश के 61 फीसदी लोग शिवराज सिंह चौहान को ही अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया को 25 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं तो 5 प्रतिशत लोग दिग्विजय सिंह के साथ भी हैं.
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की तीसरी पारी
छत्तीसगढ़ में बीजेपी का वोट शेयर 40 से बढ़कर 42 प्रतिशत हो रहा है. इसके चलते उसे तीन सीटों का लाभ होगा. 90 विधानसभा सीटों में से 53 सीटें बीजेपी के हिस्से आती दिख रही हैं. रमन सिंह के राज्य में कांग्रेस की हालत में कोई सुधार आता नजर नहीं आ रहा. कांग्रेस 5 सीटों के नुकसान के साथ 33 पर आकर अटक सकती है, जबकि उनका वोट प्रतिशत 38 ही रहेगा.
इस सर्वे के अनुसार ऐसी स्थिति बन रही है-
बीजेपी - वर्तमान 50 सीटें, इस बार 53 (3 सीटों का फायदा)
कांग्रेस - वर्तमान 38 सीटें, इस बार 33 (5 सीटों का नुकसान)
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लोग भी मध्य प्रदेश की तरह वर्तमान मुख्यमंत्री को ही अपना अगला सीएम भी देखना चाहते हैं. 50 प्रतिशत लोग रमन सिंह के साथ हैं तो 24 प्रतिशत कांग्रेस के अजित जोगी का समर्थन करते हैं. वहीं कांग्रेस के ही नेता चरण दास महंत को 9 प्रतिशत लोग बतौर सीएम देखना चाहते हैं.
दिल्ली में भी बीजेपी का जलवा, छाएंगे हर्षवर्धन
इंडिया टुडे-ओआरजी के एग्जिट पोल के अनुसार दिल्ली में भी बीजेपी कांग्रेस को साफ करने जा रही है. सर्वे के नतीजे कहते हैं कि बीजेपी को इस बार 18 सीटों का फायदा हो रहा है और उसका कुल सीटों का आंकड़ा 41 तक पहुंच रहा है. वहीं, कांग्रेस के खाते में केवल 20 सीटें आ रही हैं. कांग्रेस को 23 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है.
इस चुनाव में अब तक सबसे ज्यादा चर्चा 'आम आदमी पार्टी' की होती रही है. इस सर्वे के आंकड़े अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 6 सीटें दिला रहे हैं. जाहिर है यदि परिणाम ऐसा ही हुआ तो आम आदमी पार्टी के लिए यह नतीजा निराश करने वाला होगा.
सर्वे के आंकड़ों के आधार पर फिलहाल बन रही स्थिति-
दिल्ली की कुल सीटें- 70
बीजेपी - 2008 में 23 सीटें, इस बार 41 (18 का लाभ) का अनुमान
कांग्रेस - 2008 में 43 सीटें, इस बार 20 (23 का नुकसान) का अनुमान
आम आदमी पार्टी - पहली बार चुनाव लड़ रही है, 6 सीट आने का अनुमान
कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी इस बार काफी गिरता नजर आ रहा है. सर्वे के अनुसार, पिछली बार उनका प्रतिशत 40 था तो इस बार यह प्रतिशत 30 तक आ सकता है. बीजेपी को भी एक प्रतिशत वोट का नुकसान हो रहा है.
वहीं, दिल्ली के 3000 लोगों के सेंपल में से 37 प्रतिशत लोग डॉ. हर्षवर्धन को सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं तो वर्तमान सीएम शीला दीक्षित को 29 प्रतिशत लोग सीएम बनाना चाहते हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल के साथ 25 प्रतिशत लोग हैं.
केजरीवाल से हार जाएंगी शीला दीक्षित
हालांकि ये परिणाम के आंकड़े नहीं हैं, पर सर्वे कहता है कि इस बार शीला दीक्षित अपनी सीट भी बचा नहीं पाएंगी. वे नई दिल्ली से चुनाव लड़ रही हैं और उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता भी मैदान में हैं. इस पोल के अनुसार, वर्तमान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपनी सीट गंवा सकती हैं.
क्या ये मोदी का जलवा है?
परिणाम अगर इसी सर्वे के अनुसार रहे तो यह कहना बहुत आसान हो जाएगा कि ये नरेंद्र मोदी का जलवा है. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और गुजरात के मुख्यमंत्री ने इन चारों राज्यों में जोरदार रैलियां की थीं और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी.
इंडिया टुडे-ओआरजी ने इस एग्जिट पोल के लिए मध्य प्रदेश में 36 निर्वाचन क्षेत्रों के 4500 सैंपल लिए गए. पोल सर्वे 26 से 28 नवंबर के बीच का है. राजस्थान में पोल के लिए 18 निर्वाचन क्षेत्रों से 4490 सैंपल लिए गए. पोल सर्वे 2 से 3 दिसंबर के बीच किया गया. आंकड़ों में गलती की संभावना 3 प्रतिशत हो सकती है.