पॉलिटिक्स के पावरगेम में कौन है नंबर-1? देश का सियासी मौसम जैसे-जैसे चुनावी होता जा रहा है, ये बहस भी जोर पकड़ती जा ही है. कोई कहता है नरेंद्र मोदी हैं इस पावरगेम के बाजीगर, तो किसी की नजर में राहुल गांधी साबित हो सकते हैं तुरूप का पत्ता. मगर इस आकलन की जमीनी हकीकत क्या है? ये जानने की कोशिश की इंडिया टुडे ने अपने स्पेशल सर्वे के जरिए.
अब कौन होगा चुनावी खेल का असली खिलाड़ी, ये तय होने में देर है लेकिन इंडिया टुडे के शक्तिशाली शख्सियत में राहुल गांधी पर भारी पड़े हैं नरेंद्र मोदी. मोदी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं, तो राहुल के पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बड़ी जमात उन्हें भी इसी ओहदे पर देखना चाहती है. 'नमो बनाम रागा' के मुकाबले में ये बुनियादी समानता है, लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिसकी बदौलत राहुल पर भारी पड़ते हैं नरेंद्र मोदी.
राहुल पर भारी मोदी क्यों?
नरेंद्र मोदी गुजरात को देश के विकास का मॉडल बनाने में कामयाब रहे हैं. पार्टी में पावरफुल इमेज ऐसी बनी कि विरोधी भी अनदेखा नहीं कर पा रहे. हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय से पैन इंडियन इमेज बनाने में सफल रहे मोदी.
सियासत में मोदी नाम की हवा ऐसी बन चुकी है कि आप चाहे मोदी से नफरत ही क्यों न करें, मोदी को अनदेखा नहीं कर सकते. लेकिन राहुल गांधी के साथ मुश्किल ये है कि लोग उन्हें चाहते हैं, तो भी वो नेतृत्व स्वीकारने से कतराते हैं. फिर भी देश की सियासत की तीन धुरियों में से एक बनने में कामयाब रहे हैं राहुल गांधी.
अब राहुल गांधी मोदी से भले पीछे रह गए हों लेकिन पावर और पॉपुलॉरिटी की लिस्ट में टॉप पर सोनिया गांधी ही विराजमान हैं. खराब तबीयत के बावजूद जिस तरह सोनिया ने संकट के दौर में पार्टी और गठबंधन सरकार के बीच तालमेल बनाए रखा, राजनीतिक एजेंडे और चुनावी वायदों को पूरा करने में अपने पावर का इस्तेमाल किया, सोनिया को सबसे ज्यादा नंबर इस बात के लिए मिले.
पॉलिटिक्स में सबसे पावरफुल सोनिया क्यों?
सोनिया ने अपने दम से 120 करोड़ लोगों के फूड सिक्योरिटी बिल को मंजूर कराने में बड़ी भूमिका निभाई. शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में गरीब बच्चों को 25 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित कराया. अपने सधे हुए अंदाज में सोनिया अपने पावर का इस्तेमाल बखूबी करती हैं. लेकिन तनाव या जुबान में तल्खी न के बराबर होती है. सोनिया का गुस्सा आखिरी बार तब दिखा था, जब लालकृष्ण आडवाणी ने संसद में यूपीए को अवैध कहा था. सोनिया ने ऐसी बदजुबानी का विरोध कड़े तेवरों में किया था.
शक्तिशाली शख्सियत की सबसे ऊंची पायदान पर बैठी सोनिया ने पीएम को भी पीछे छोड़ दिया. इस लिस्ट में मनमोहन सिंह का नंबर चौथा है.
पॉलिटिक्स के शक्तिशाली शख्सियत की लिस्ट में चौथे नंबर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो पांचवे नंबर पर उनके सबसे काबिल मंत्री फाइनेंस मिनिस्टर पी. चिदंबरम. छठें पायदान पर हैं यूपीए को अपने समर्थन के इशारे पर नचाने वाले मुलायम सिंह यादव तो सातवें नंबर पर सोनिया के भरोसेमंद और सचिव अहमद पटेल. 8वें नंबर पर हैं शरद पवार तो नौवें पायदान पर बिहार में 9 साल से राज कर रहे नीतीश कुमार हैं. हैरानी की बात यह है कि कभी प्रधानमंत्री के सबसे तगड़े उम्मीदवार माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को मिला है दसवां नंबर.
पावर गेम के बाजीगर नंबर-1 मुकेश अंबानी
बेशुमार दौलत की वजह से दुनिया के बड़े धनकुबेरों में मुकेश अंबानी शामिल हैं, लेकिन हिंदुस्तान के पावर गेम में नंबर-1 की पोजिशन सिर्फ इसलिए नहीं मिली कि वो दुनिया के सबसे महंगे घर में रहते हैं, पौने चार लाख करोड़ रुपये की रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक हैं, बल्कि ये ओहदा उन्हें बिजनेस की बारीकियों और बाजार की गिरती साख के बीच निवेशकों का हौसला बढ़ाए रखने की वजह से हासिल हुआ है.
पावर गेम के बाजीगर नंबर-2 रतन टाटा
इंडिया टुडे के सर्वे में पावर गेम के अगर सबसे बड़े खिलाड़ी निकले हैं मुकेश अंबानी, तो उनकी पत्नी नीता अंबानी को मिला है फर्स्ट पावर लेडी का दर्जा. लेकिन इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम है रतन टाटा का. रतन टाटा यूं तो रिटायर हो चुके हैं, लेकिन इस लिस्ट में दूसरी पोजीशन हासिल कर ये जता दिया है, कि पावर गेम को वो कभी टा-टा नहीं कहने वाले.
दुनिया के टॉप-10 फिलेनथ्रोफिक ट्रस्ट में से 4 के चेयरमैन हैं रतन टाटा. शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में रतन टाटा हर साल करोड़ रुपये खर्च करते हैं. रिटायरमेंट के बाद भी दुनिया भर में भारतीय उद्योग के रोल मॉडल बने हुए हैं रतन टाटा.
रतन टाटा की तरह अजीम प्रेमजी भी अपने सोशल वर्क और दानवीरता की वजह से शक्तिशाली शख्सियत की लिस्ट में शुमार हैं. अजीम प्रेमजी नौवें नंबर पर हैं, तो इंडियन टेलिकॉम इंडस्ट्री में सबसे बड़े नेटवर्क के मालिक सुनील मित्तल ने आठवीं पोजिशन हासिल की है. वहीं, तमाम विरोधों और निगेटिव पब्लिसिटी के बावजूद सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में 22वां स्थान हासिल करने में कामयाब रहे. एक साथ 315 क्यू शॉप खोलने के लिए सहारा का नाम हाल ही में गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल हुआ है.
इस सर्वे में मीडिया से जुड़ी हस्तियों ने भी अपनी जगह बनाई है. टाइम्स ग्रुप्स के समीर और विनीत जैन के बाद सबसे अहम एंट्री है उदय शंकर की. उदय शंकर फिलहाल स्टार इंडिया के सीइओ हैं, और समूह के 40 चैनलों के साथ देश में मनोरंजन और मीडिया को नई दिशा देने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. इस भूमिका के साथ उदय शंकर शक्तिशाली शख्सियत की लिस्ट में 26वें नंबर पर हैं.
प्रभावशाली लोगों में अन्ना नदारद
मीडिया से अलग प्रभावशाली लोगो की लिस्ट में बाबा रामदेव का नाम जरूर है, लेकिन इससे अन्ना हजारे का नाम गायब होना चौंकाता है. लोकपाल बिल और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की बुनियाद रखने वाले अन्ना चंद महीने पहले पूरे देश के आदर्श थे, मगर आज उनके नाम की कहीं चर्चा तक नहीं.
50 सबसे कद्दावर हिंदुस्तानियों में चकाचौंध की दुनिया से आमिर खान का नाम सबसे ऊपर है. आमिर जो कहते हैं, जो करते हैं, हिंदुस्तान उसे ध्यान से सुनता है. आमिर सिर्फ बॉलीवुड के सुपरस्टार ही नहीं हैं बल्कि वो बदलते हुए हिंदुस्तान का चेहरा हैं.
अपने शो 'सत्यमेव जयते' में कन्या भ्रूण हत्या और बाल यौन शोषण जैसे सामाजिक मुद्दों पर लोगों को आमिर ने इस कदर झकझोरा कि कई राज्यों में सरकार की तरफ से नए कदम उठाए गए. यहां तक कि आमिर को देश के प्रधानमंत्री तक ने गंभीर मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाया. अपने इसी प्रभाव की वजह से अब आमिर यूनीसेफ की तरफ से कुपोषण कैंपेन के एंबैसेडर हैं.
क्रांति की ऐसी नई लहर लानेवाले आमिर खान 50 प्रभावशाली हिंदुस्तानियों में 14वें नंबर पर हैं. इसके बाद उन्हीं के जिगरी दोस्त सलमान का नंबर आता है. बॉलीवुड के इस टाइगर की पावर का कोई जवाब नहीं है. पिछले दो सालों में चार बंपर हिट देनेवाले सलमान की हर फिल्म 100 करोड़ के ऊपर कमाई कर चुकी है. यही नहीं आमिर की तरह सलमान भी सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी रखते हैं और 'बीइंग ह्यूमन' के जरिए वो ज़रुरतमंदों की मदद करते हैं. चाहे उनकी फिल्में हों, उनके अफेयर हों, उनके बखेड़े या फिर उनका दिलदार अंदाज उनके हर पहलू से लोगों को प्यार है.
बॉलीवुड के असली शहंशाह बिग बी पावरगेम के 21वें पायदान पर हैं. 70 के दशक का ये एंग्री यंग मैन आज भी एक शक्तिशाली नाम है. 70 साल की उम्र में 'कौन बनेगा करोड़पति' के छठे सीजन को साल 2012 का सबसे ज्यादा देखा जानेवाला टीवी शो बनानेवाले आमिताभ का जादू छोटे और बड़े दोनों पर्दों पर लगातार बरकरार है.
शहंशाह के बाद बादशाह का नंबर आता है, जिन्होंने 50 प्रभावशाली हिंदुस्तानियों में जगह 25वें नंबर पर जगह पाई है. वानखेड़े स्टेडिएम में सिक्योरिटी गार्ड के साथ हंगामे से लेकर आपीएल की दीवानगी तक, शाहरुख खान सुर्खियां बनाने में कामयाब रहे. पिछले कुछ समय से शाहरुख की लोकप्रियता कम ज़रुर हुई है, लेकिन रोमांस के इस बादशाह का जादू लगता है अब भी बाकी है.
इंडिया टुडे ने 50 प्रभावशाली लोगों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें धोनी का नाम भी शामिल है. सर्वे में फिल्मी सितारों की चमक भी धोनी के सामने फीकी पड़ गई है और अगर खेल की दुनिया की बात करें तो धोनी इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस सूची में शामिल है. कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी 50 लोगों की लिस्ट में 12वें स्थान पर हैं.
धोनी ने हिन्दुस्तान को वर्ल्ड कप का तोहफा दिया तो टी-20 मैच में भी भारत का परचम लहराया. पहली बार ऑस्ट्रलिया को किसी कप्तान ने क्लीन स्विप किया तो 22 टेस्ट मैच जीतकर माही ने सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया. यही नहीं एड की दुनिया के भी धोनी बादशाह बने हुए है.
अब इसे धोनी की बादशाहत कहें या उनकी लोकप्रियता की चमक कि उनके आगे क्रिकेट के भगवान सचिन भी पीछे रह गए हैं. उन्हें इस सर्वे में कोई स्थान नहीं मिला है. जबकि आज की युवा पीढ़ी के स्टार क्रिकेटर कहलाने वाले विराट कोहली भी इस सूची से बाहर हैं. जाहिर है कि विकेटकीपिंग हो या बल्लेबाजी, कप्तानी हो या मॉडलिंग धोनी के हर अंदाज पर हिंदुस्तान फिदा है.