इंडिया टुडे SoS Bihar के मंच पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत की. कार्यक्रम में नीतीश कुमार पहली बार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर हुई बातचीत पर 'आजतक' के सवालों के जवाब दिए. इस दौरान वह एनडीए में सहयोगी और आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा पर पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब देने से बचते रहे. 'आजतक' ने जब उनसे सवाल किया कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आप 2020 में कुर्सी का पद छोड़ रहे हैं तो नीतीश ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया. इसके बदले उन्होंने बातचीत का स्तर ऊंचा रखने की बात कही.
वहीं लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट शेयरिंग के सवाल पर नीतीश ने कहा कि एनडीए में सब कुछ ठीक है. लोकसभा चुनाव में राज्य में एनडीए का प्रदर्शन लोगों की उम्मीद से ज्यादा अच्छा होगा.
वहीं हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीट शेयरिंग पर हुई मुलाकात पर भी नीतीश कुमार जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि अमित शाह से क्या बातचीत हुई हमने पार्टी के लोगों से भी ये साझा नहीं किया. इसकी घोषणा खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की. उन्होंने कहा कि एनडीए में कोई चिंता की बात नहीं है. गठबंधन में सब कुछ ठीक है.
सरकार की योजना की तारीफ की
SoS Bihar के मंच से नीतीश ने कहा कि उनके कार्यकाल से पहले स्कूलों में बच्चों की औसत संख्या 12 थी और प्राइमरी सरकारी अस्पताल में 39 लोग प्रति माह इलाज कराने आते थे. इसका साफ मतलब कि मौजूदा सरकार से पहले राज्य में स्कूल और अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी थी. नीतीश कुमार ने दावा किया किया कि उनकी कोशिशों के बाद अब सरकारी अस्पतालों में प्रति माह 11,000 लोग इलाज कराने आ रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि 2004 तक राज्य में 50 किलोमीटर का सफर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तय करने में कम से कम तीन घंटे का समय लगता था. इसलिए राज्य में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्गों को बड़े स्तर पर सुधारने का काम किया. नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार का नारा है कि न्याय के साथ विकास.
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले राज्य में लड़कियों का साइकिल चलाना सही नहीं माना जाता था. लेकिन राज्य सरकार ने कक्षा 9 की लड़कियों को साइकिल देने की योजना पर काम किया तब पूरे राज्य में परिवर्तन देखने को मिला. अब गांव-गांव में समूह बनाकर लड़कियां स्कूल जा रही है और उनके अभिभावक उनके स्कूल जाने का समर्थन कर रहे हैं. राज्य में यह काम किसी क्रांति से कम नहीं है.
नीतीश ने कहा कि राज्य में कुशल युवा योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा, संवाद कौशल और व्यवहार कौशल कार्यक्रम को चलाया जा रहा है जिससे राज्य का युवा मुख्यधारा में आ सके.