scorecardresearch
 

IT वुमन समिट: PM मोदी को अनपढ़-गंवार कहने पर वसुंधरा ने कांग्रेस को सुनाई खरी-खरी

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स का मंच राजस्थान की राजधानी जयपुर में सजा है. दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम में कई क्षेत्रों से महिलाएं तमाम विषयों पर अपनी बात रखेंगी.  इसके अलावा कार्यक्रम में देशभर से कई क्षेत्रों की अग्रणी महिलाएं शरीक होंगी.

Advertisement
X
इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स में वसुंधरा राजे
इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स में वसुंधरा राजे

Advertisement

वसुंधरा राजे, मुख्यमंत्री राजस्थान, कीनोट एड्रेस

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स पर कीनोट एड्रेस करते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि वह इंडिया टुडे वुमन अवार्ड्स के विजेताओं के बीच में गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. विजेताओं को संबोधित करते हुए वसुंधरा ने कहा कि ऐसी सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से पाई जा सकती है.

वसुंधरा ने कहा कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री को अनपढ़-गंवार कह कर हमला किया लेकिन यह नहीं देखा कि उन्होंने स्वच्छता अभियान के जरिए कितना बड़ा कदम देश के लिए उठाया है.

वसुंधरा राजे ने कहा कि 2003 तक राज्य में बैंक अकाउंट खोलना आसान काम नहीं था. लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल में 2007 में पंजाब नैशनल बैंक के साथ मिलकर काम किया और राज्य की महिलाओं तक बैंक को पहुंचाया.

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पहले राशन कार्ड पर अनाज नहीं मिलता था. लोग राशन की दुकान से खाली हाथ लौटते थे. लेकिन मौजूदा समय में लोग राशन की दुकानों पर सिर्फ अपने अंगूठे का निशान लगाते हैं और जितना चाहें राशन ले जाते हैं. उन्हें मोबाइल पर मैसेज के जरिए बता दिया जाता है कि आप इतना राशन ले गए हैं और कितना राशन उनके हिस्से का बचा हुआ है.

Advertisement

इस सत्र के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा ने इंडिया टुडे वुमन अवार्ड्स के विजेताओं को एक-एक खास ढंग से संबोधित किया.

इस कीनोट एड्रेस के  बाद वसुंधरा राजे से इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने बातचीत की. राहुल ने सत्र की शुरुआत करते हुए पूछा कि आखिर पुरुषों के दबदबे वाली पार्टी में अपनी जगह बनाना कितना कठिन है. वसुंधरा ने कहा कि उन्हें राज परिवार के साथ काम करने का फायदा मिला इसलिए पार्टी उनके लिए परिवार की तरह थी. लेकिन उसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए पार्टी में अपनी जगह बनाई.

राहुल ने वसुंधरा से पूछा कि यदि कोई लड़की राजनीति में जगह बनाना चाहती है तो क्या कहना चाहती हैं. वसुंधरा ने कहा कि युवाओं के लिए बेसिक एजुकेशन बेहद जरूरी है. एजुकेशन के बाद बच्चों में खुद कॉन्फिडेंस आता है और फिर किसी अन्य प्रोफेशन की तरह राजनीति के प्रोफेशन को भी चुन सकते हैं.

सत्र के दौरान राहुल ने पूछा कि राज्य में चुनावों से पहले वह खूब यात्रा कर रही हैं और दावा कर रहीं है कि आप ऑडिट कर रही हैं. क्या ऑडिट का नतीजा शेयर करेंगी. वसुंधरा ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में राज्य में स्कूलों के निर्माण का काम पूरा करा लिया है. राजे ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना और एलपीजी सिलेंडर देने की योजना के अपने लक्ष्य को पूरा किया है.

Advertisement

वहीं इस सत्र के दौरान वसुंधरा ने कहा कि यह उनके कार्यकाल का उनका भरोसा है कि वह राज्य में कामकाज का ऑडिट कराने की हिम्मत की है. वहीं राज्य में कुछ लोगों की नाराजगी की खबरों को नकारते हुए दावा किया कि राज्य में जल्द चुनाव होने जा रहे हैं और जनता उनके कामकाज को देखते हुए ऐसी नाराजगियों को गलत साबित करने देगी.

राज्य में जनता द्वारा एक-एक बार कांग्रेस और बीजेपी को सत्ता पर बैठाने के चलन पर सवाल का जवाब देते हुए वसुंधरा ने दावा किया कि यह सवाल तब नहीं पूछा गया जब कांग्रेस 50 साल से सत्ता में बैठी थी. इसके साथ ही वसुंधरा ने कहा कि राज्य की  जनता दिसंबर में उनके पक्ष में  फैसला कर इस तथाकथिक एक-एक बार सत्ता के चलन को झुठला देगी.

राहुल ने पूछा कि पार्टी के जूनियर नेता ऐसा क्यों कहते हैं कि मैडम एक्सेसिबल नहीं हैं. आखिर क्यों? वसुंधरा ने कहा कि मर्यादा में रहते हुए वह अपनी एक्सेसिबिलिटी तय करती हैं. सरकार के साथ-साथ पार्टी के  काम में वह व्यस्त रहती है.

वहीं पार्टी में यह भी कहा जाता है कि वसुंधरा राजे अपनी मार्केटिंग नहीं करतीं. आखिर क्यों. वसुंधरा ने कहा कि वह काम में व्यस्त रहती हैं लिहाजा उन्हें मार्केटिंग का टाइम नहीं मिलता. वसुंधरा ने कहा कि सरकार के कामकाज में हमेशा फैसले जल्दी नहीं लिए जा सकते.

Advertisement

वहीं पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह से रिश्ते के सवाल पर वसुंधरा ने कहा कि उनका पार्टी अध्यक्ष से  अच्छा वर्किंग रिलेशन है.

सत्र के दौरान राहुल ने पूछा कि आखिर किस मुद्दे के साथ वह अगले चुनाव में जा रही हैं के जवाब में वसुंधरा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा और आईटी के क्षेत्र में बड़ा काम किया है. इस काम के बाद अब राज्य में बड़ी संख्या में रोजगार के संसाधन का रास्ता साफ करना है. इसके साथ ही वसुंधरा ने दावा किया कि वह दिसंबर में इस मुद्दे पर चुनाव जीतकर एक बार फिर सत्ता में बैठने जा रही हैं.

आठवां सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के अहम सत्र कमिंग ऑफ ऐज- वेन ग्रे इज गुड के अहम सत्र में एक्ट्रेस रत्ना शाह पाठक ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन कावेरी बमजई ने किया.

इस सत्र के दौरान रत्ना शाह ने बॉलीवुड और टेलीवीजन की दुनिया के बारे में अपनी बात रखी. रत्ना शाह ने कहा कि एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए रिहर्सल बहुत जरूरी है.

जब 8वीं क्लास में Maths के पेपर में नकल करती पकड़ी गई रत्ना शाह

सत्र के दौरान रत्ना शाह ने स्कूल का किस्सा सुनाते वक्त कहा वह अपनी कुछ सहेलियों के साथ आठवीं क्लास में गणित के पेपर में नकल करती पकड़ी गईं थी.

Advertisement

रत्ना शाह ने कहा कि महिलाओं की स्थिति आज पुरुषों से ज्यादा बेहतर है. शाह के मुताबिक महिलाएं पिछले 50 साल से शोषण की बात कर रही हैं और उनकी स्थिति लगातार बेहतर हो रही है. वहीं पुरुषों की स्थिति ज्यादा खराब है.

शाह ने कहा कि समाज को यह समझ लेने की जरूरत है कि पुरुष और महिला को एक साथ चलने की जरूरत है.  पुरुषों को खुद भी पहल करने की जरूरत है कि वह पुरुष प्रधानता से बाहर आएं.

बच्चों में मैनर्स की कमी के लिए पेरेंट्स जिम्मेदार हैं रत्ना शाह

रत्ना शाह ने सत्र के दौरान कहा कि आज पेरेंट्स को बच्चों के प्रति जागरुक होने की जरूरत है. शाह ने बताया कि एयरपोर्ट्स पर उनका सामना ऐसे बच्चों से होता है जिन्हें मैनर्स की कमी है. इसके लिए पेरेंट्स को जिम्मेदार ठहराते हुए शाह ने कहा कि पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों के साथ समय बिताएं. उन्हें पढ़ाने-लिखाने का काम स्कूल का है और स्कूल को करने दें. लेकिन मैनर्स सिखाने का काम पेरेंट्स को करना चाहिए.

जल्द थिएटर पहुंच रहा रत्ना शाह का प्ले

रत्ना शाह ने फिल्म और थिएटर में अंतर समझाते हुए कहा कि जहां फिल्में मां-बेटा, भाई-बहन, जैसें सेंटिमेंट पर आधारित रहती है वहीं थिएटर इमोशन्स पर चलता है. शाह ने बताया कि उनका नया प्ले जल्द थिएटर पहुंचने के लिए तैयार है.

Advertisement

सातवां सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के सातवें सत्र में माइ बॉलीवुड जर्नी: लिविंग अ मार्क में यामी गौतम ने शिरकत की. इस सेशन में यामी गौतम ने आईएएस बनने के सपने से एक स्टार बॉलीवुड हिरोइन बनने की जर्नी के बारे में बताया. यामी ने कहा कि वह बचपन से कई बॉलीवुड गानों पर डांस करती थीं, लेकिन उन्होंने कभी एक्ट्रेस बनने का नहीं सोचा था. यामी ने बताया कि उन्होंने बॉलीवुड में कई एक्ट्रेस के साथ बुरी बर्ताव होने के बारे में सुना है, लेकिन उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ.

यामी ने बॉलीवुड में एंट्री करने के सपने संजो रही लड़कियों को सुझाव दिया कि कभी भी काम पाने के लिए एक्स्ट्रा फ्रेंडली न हों और प्रफेशनल रहें. साथ ही उन्होंने सतर्क और किसी भी जल्दी पर भरोसा नहीं करने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह स्टार किड होती तो यामी गौतम नहीं होती. नेपोटिज्म के बारे यामी ने कहा कि डॉक्टर, इंजीनियरिंग जैसे दूसरे फिल्ड में भी लोग अपने बच्चों को उसी फिल्ड में आगे बढ़ने में मदद करते हैं ऐसे में बॉलीवुड में भी हो रहा है तो यह गलत नहीं है. यामी ने कहा कि हां यह सच है कि आउटसाइडर्स को फिल्म फ्लॉप होने के बाद ज्यादा चांस नहीं मिलते और उनके लिए वापसी करना ज्यादा मुश्क‍िल होता है.

Advertisement

छठा सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के छठे सत्र ''एन ऑवफुली बिग एडवेंचर: अराउंड द वर्ल्ड इन 254 डेज'' में आईएनएस तारिणी के दो सदस्यों ने अपने अभियान से जुड़े अनुभव साझा किए. इस सेशन में अभियान का नेतृत्व करने वालीं लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी और सदस्य लेफ्टिनेंट ऐश्वर्या बोद्दापति शामिल हुईं. दोनों ने बताया कि उन्हें समु्द्र में जाना काफी अच्छा लगा. वहां न सड़कों की तरह प्रदूषण है और न कोई कूड़ा. कई बार उन्होंने चांदनी रात में तारों को देखते हुए रात गुजारी.

कई बार उन्हें लगा कि वह एलियन हैं, लेकिन उन्हें काफी सुकून मिला. हालांकि उन्हें 24*7 तैयार रहना पड़ता था क्योंकि समुद्र कभी भी कोई रूप धारण कर सकता है और मौसम कभी भी बदल सकता है. सदस्यों ने रबर लेग फेनेमनन का जिक्र भी किया. इसके तहत उन्हें समुद्र से वापस आकर एडजस्टमेंट करने में काफी दिक्कत आई. कई बार उन्हें सामान्य बेड पर नींद नहीं आती थी. 

आपको बता दें कि भारतीय नौसेना की 6 महिला अधि‍कारियों ने ‘आईएनएसवी तारिणी’ से समुद्र में 8 महीने (254 दिन) की यात्रा पूरी की थी. इस दौरान इन महिलाओं ने 3 महासागर, 4 महाद्वीप और 5 देशों का सफर किया था. वर्तिका ने बताया कि इस अभियान ने उनको मजबूत बनाया और इस क्रू के सदस्यों के साथ उनकी बॉन्ड‍िंग बेहतर हुई.

वहीं ऐश्वर्या ने कहा कि इस अभियान से उनको लिमिट से आगे जाकर कुछ करने का मौका मिला. इस अभियान ने उन्हें अपने कम्पफर्ट जोन से बाहर जाकर कुछ करने और खुद में बदलाव लाने का मौका मिला. इस यात्रा में महिला चालक दल ने अपनी यात्रा के दौरान 21,600 नॉटिकल माइल की दूरी तय की और दो बार भूमध्य रेखा, चार महाद्वीपों और तीन सागरों को पार किया.

पांचवा सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के पांचवे सत्र बीइंग मिस बॉस- कोलैबोरेटिंग नॉट कंपीटिंग में क्लोविया की फाउंडर सदस्य सौम्या कांत और इंटिग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट इक्रीसात की ममता शर्मा और लेखिका कनिका ने शिरकत की.

इस सत्र के दौरान सौम्या ने कहा कि देहरादून जैसे छोटे शहर में लॉन्जरी खरीदने में उन्हें दुकान पर पुरुष दुकानदार मिलते थे. इसके बाद उन्होंने अपनी बहन के साथ मिलकर लॉन्जरी होम डेलिवरी प्लैटफॉर्म की शुरुआत की. इक्रीसात की ममता शर्मा ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है. लेखिका कनिका ने कहा कि क्रिएटिव फील्ड में महिलाओं की कम भागीदारी की शुरुआत बॉलीवुड से शुरू होती . जिस तरह ज्यादातर फिल्मों का तानाबाना पुरुष कलाकार के इर्दगिर्द बुना जाता है ठीक वैसे ही लेखन में प्राथमिकता पुरुषों पर आधारित थीम को मिलती है.

चौथा सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के इस अहम सत्र सिंगिंग सोलो- चेन्जिंग दि म्यूजिक सीन में गायिका मेघना मिश्रा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन सुशांत ने किया. अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने के साथ-साथ मेघना ने अपने स्ट्रगल पर चर्चा की.

तीसरा सत्र

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के तीसरे सत्र चैंपियन मॉम- गिल्ट ओवर गिल्ट में डिस्कस थोवर कृष्णा पूनिया ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन सुशांत ने किया. कृष्णा ने कहा कि लंबाई के चलते उन्हें बैक प्रॉब्लम हुई और डॉक्टर में स्पोर्ट्स छोड़ने के लिए कहा. लेकिन एक सही कोच की मदद से उन्होंने नामुमकिन कर दिखाया.

कृष्णा ने कहा कि सभी एथलीट फाइनल लैप के लिए जी तोड़ मेहमत करते हैं. लेकिन यह काम एक झटके में नहीं होता, इसके लिए एक-एक सीढ़ी चढ़ना पड़ता है. कृष्णा ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है  कि जबतक किसी खेल में कोई खिलाड़ी गोल्ड मेडल लेकर नहीं आता तबतक उसे सरकार की तरफ से कोई फंड या मदद नहीं मिलती है.

कृष्णा ने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर भी मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के साथ ही खड़े होते हैं जबकि ऐसे खिलाड़ियों की उपलब्धि में उनका कोई योगदान नहीं रहता.

दूसरा सत्र: स्विमिंग अगेन्स्ट टाइड

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के दूसरे सत्र स्विमिंग अगेन्स्ट टाइड- फ्लोटिंग टू दि टॉप में आठ चैंपियन महिलाओं ने शिरकत की. इन महिलाओं ने इस सत्र के दौरान आगे बढ़ने में चुनौतियों के साथ-साथ उन्हें हराने के जस्बे का जिक्र किया.

आशा झाझड़िया ने कहा कि वह राजस्थान से हैं और उनकी शादी हरियाणा में हुई. ये दोनों ही राज्य महिलाओं के लिए बेहद चुनौती से भरे हैं.

मंजू देवी जयपुर रेलवे स्टेशन पर देश की पहली महिला कुली हैं. मंजू ने कहा कि कुली का पेशा वाकई ताकत मांगता था और अपने परिवार को चलाने के लिए उन्होंने इस ताकत से भरे काम को चुना और कर दिखाया.

सरोज चौधरी ने कहा कि गड़ेरिया परिवार में जन्म लेने के बाद 5 बहनें के परिवार में उनके सामने बड़ी चुनौती थी. सरोज ने बताया कि भाई को स्कूल छोड़ने जाती थी और क्लास के बाहर बैठ के सुनती थी. एक दिन उनका भाई गिनती सुनाते-सुनाते अटक गया और मैंने क्लास के बाहर से आगे की गिनती सुनाना शुरू कर दिया. इसके बाद स्कूल ने परिवार वालों को समझाया और उन्हें पढ़ने का मौका मिला.

कियारा हरियाणा से आती हैं और तमाम चुनौतियों से लड़ते हुए उन्होंने मॉडल बनने का फैसला किया. कियारा ने बताया कि 14 साल की उम्र में उन्होंने मॉडलिंग का रुख किया. पहले परिवार से सपोर्ट नहीं मिला लेकिन सफलता मिलने के बाद मां-बाप उनके साथ खड़े हैं.

शालिनी पाठक राजस्थान की पहली कब्बडी की इंटरनेशनल प्लेयर हैं और फिलहाल राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं. हाल ही में एशियन गेम्स में वह देश के लिए मेडल लाई हैं.

रूपा यादव की आठ साल की उम्र में शादी हुई और वह महज कक्षा 3 में पढ़ती थीं. रूपा ने बताया कि शादी के वक्त नए कपड़े और गिफ्ट देखतक वह बेहद खुश थी लेकिन बाद में उन्हें समझ आया.

शबाना डागर आर्काइविस्ट हैं और उनका परिवार में 20 पीढ़ियों का संगीत के ध्रुपद घराने से ताल्लुक रहा. उन्हें संगीत सीखने की मनाही थी लेकिन वह काम करना चाहती थी इसलिए उन्होंने कला और संगीत के क्षेत्र में आर्काइविस्ट का काम किया.

समांथा लोव कारोबारी हैं. वह ज्वलेरी के  काम के लिए अक्सर जयपुर आती रहीं और वहां सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित रहती थीं. इसके बावजूद उन्होंने जयपुर में ज्वेलरी के क्षेत्र में कारोबार की शुरुआत की.

पहला सत्र: शिक्षा बढ़ी लेकिन नौकरी घटी!

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के पहले सत्र माइंड दि जेंडर गैप के दौरान राजस्थान फाइनेंस कमीशन की चेयरपर्सन ज्योति किरन और उच्च शिक्षा मंत्री किरन माहेश्वरी ने शिरकत की. इस सत्र के दौरान देश में राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की लगातार बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की गई.

इस सत्र में चर्चा के दौरान ज्योति किरन ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी एक ऑल्टरनेट नरेटिव देने के लिए है. लेकिन हमें देखने की जरूरत है कि महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी में उन्हें रिटर्न में क्या मिल रहा है. क्या जेंडर पार्टिसिपेशन के साथ-साथ उन्हें उसके साथ मिलने वाला आर्थिक और सामाजिक लाभ भी मिल रहा है.

राजस्थान में महिला को परिवार का मुखिया बनाने का काम किया गया है. यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पुरुष प्रधान समाज की दीवारें बेहद मजबूत हैं लेकिन महिलाएं इसे तोड़ने में सफल होंगी. सत्र के दौरान किरन माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान को महिला मुख्यमंत्री का बड़ा फायदा मिला है. किरन ने दावा किया कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में राज्य की नीतियों को अधिक महिलाओं के पक्ष में रखने में मदद मिली है.

जहां पहले सरपंच महिला नाम की रहती थी अब महिलाएं प्रशासन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. किरन माहेश्वरी ने दावा किया कि राज्य सरकार ने सरपंच पद के लिए महिलाओं पर न्यूनतम शिक्षा का स्तर रखा जिसके चलते राजनीति में पढ़ी लिखी महिलाओं का रुझान बढ़ा है. खास बात यह है कि इस कदम से असर राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है.

वेल्कम एड्रेस

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स का आगाज करते हुए इंडिया टुडे समूह के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेन्गप्पा ने कीनोट एड्रेस डेलिवर किया. राज चेन्गप्पा ने कहा कि इस अवाड्र की शुरुआत महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए किया गया है. राज ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा में इजाफा हो रहा है लेकिन देश के सामने चुनौती खड़ी है क्योंकि नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी कम हो रही है. इस चुनौती से  लड़ने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है.

इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स का मंच राजस्थान की राजधानी जयपुर में सजा है. दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम में कई क्षेत्रों से महिलाएं तमाम विषयों पर अपनी बात रखेंगी.

इस मंचर पर रक्षा, राजनीति, खेल, लेखन, संगीत समेत कई क्षेत्रों में अपनी साख जमा चुकी महिलाएं अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद रहेंगी.

यह पहली बार है कि राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम को जयपुर में आयोजित किया जा रहा है. इंडिया टुडे वूमन समिट एंड अवार्ड्स का पहला तीन वार्षिक कार्यक्रम मुंबई और दिल्ली में आयोजित किया गया है.

इस कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कीनोट एड्रेस के लिए मौजूद रहेंगी और वह इंडिया टुडे वुमन अवार्ड्स का वितरण करेंगी. इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान राजस्थान की उच्च और यांत्रिकी शिक्षा मंत्री किरन माहेश्वरी और राजस्थान की टूरिज्म मंत्री भूमिका अखिला प्रिया कई विषयों पर अपना मत रखेंगी.

वुमन समिट के एक अहम सत्र के दौरान INSV Tarini पर दुनिया का चक्कर लगाने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका और लेफ्टिनेंट कमांडर एश्वर्या बोदापत्ती शिरकत करेंगी. वहीं एक्ट्रेस रत्ना पाठक शाह बॉलीवुड में अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करेंगी. इनके अलावा समिट के दौरान एक्ट्रेस यामी गौतम और गायिका मेघना मिश्रा भी दर्शकों से रूबरू होंगी.

Advertisement
Advertisement