उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर की पुण्यतिथि पर एक व्याख्यान में कहा, हम उन लोगों के बारे में जान कर स्तब्ध थे जो हम पर अपने पूजा प्रार्थना के तरीके थोपना चाहते थे. भागवत ने मराठी भाषा में कहा, हमने कभी किसी को अपनी पूजा पद्धति बदलने के लिए मजबूर नहीं किया.
उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब पूजा नहीं होता. यह चरित्र और जिम्मेदारियों का संगम है. सावरकर की प्रशंसा करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि देश ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सही से नहीं समझा है. भागवत ने यहां मदर टेरेसा के बारे में अपने पूर्व के बयान का जिक्र नहीं किया लेकिन विदर्भ से पूर्व विधायक जंबूवंतराव धोते ने कहा कि संघ प्रमुख ने जो कहा था, उसमें कुछ गलत नहीं था.
- इनपुट भाषा