भारत ने बुधवार को कहा कि वह नेपाल की समस्याओं का कोई राजनीतिक समाधान चाहता है. नेपाल में नए संविधान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के चलते भारत के साथ लगी सीमा बंद है, जिसके कारण नेपाल में जरूरी वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा से मुलाकात के दौरान भारत के इस रुख से अवगत कराया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, 'सुषमा स्वराज ने नेपाल में मौजूद राजनीतिक समस्याओं के शीघ्र राजनीतिक समाधान की जरूरत पर जोर दिया.'
EAM @SushmaSwaraj assures DPM Kamal Thapa that there is no hindrance to supplies from India. But Nepal needs to normalize situation asap.
— Vikas Swarup (@MEAIndia) December 2, 2015
प्रदर्शनों के चलते जनजीवन पर बुरा असर
नेपाल के नए संविधान के कारण दक्षिणी तराई क्षेत्र में तीव्र असंतोष उत्पन्न हो गया है, जहां अपने हितों को नजरअंदाज किए जाने से खफा मधेसी राजनीतिक दल तीन महीनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनों का नेपाल पर काफी बुरा असर पड़ा है. विरोध स्वरूप आंदोलनकारियों द्वारा नेपाल-भारत सीमा पर नाकेबंदी की वजह से सामानों से लदे वाहन भारत से नेपाल नहीं जा पा रहे हैं. इससे नेपाल में तमाम जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है.
सुषमा स्वराज ने थापा को भरोसा दिलाया कि भारत से सामानों की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं है, लेकिन नेपाल को जितनी शीघ्र हो सके स्थिति को सामान्य करना चाहिए.
- इनपुट IANS