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पाकिस्तान ने J-K विधानसभा स्पीकर को न्योता न दिया, तो CPA मीटिंग का बहिष्कार: सुमित्रा महाजन

भारत ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की बैठक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष को न्योता नहीं दिया गया, तो वह इस मीटिंग का बहिष्कार करेगा.

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लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन

भारत ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की बैठक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष को न्योता नहीं दिया गया, तो वह इस मीटिंग का बहिष्कार करेगा.

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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारत के रुख की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर को न्योता न देकर पाकिस्तान ने नियमों का उल्लंघन किया है. अब तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर को पाकिस्तान की ओर से न्योता नहीं दिया गया है.

आतंकी हमले से बढ़ा है तनाव
यह फैसला पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को लेकर दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच आया है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की हुई बैठक में फैसला किया गया कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया जाता, तो भारत सीपीयू की बैठक का बहिष्कार करेगा.'

30 सितंबर से 8 अक्टूबर तक मीटिंग
इससे पहले पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को इस्लामाबाद में 30 सितंबर से 8 अक्टूबर तक होने वाली अंतर संसदीय संघ की बैठक का बुलावा नहीं भेजा था, जबकि भारत में अन्य सभी विधानसभा अध्यक्षों को निमंत्रण भेजे गए.

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सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह सीपीयू के उस नियम के खिलाफ है, जिसके तहत राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) के सभी सदस्य स्पीकरों को सीपीयू बैठक में आमंत्रित किया जाता है. उन्होंने कहा, यह (पाकिस्तान की ओर से) गलत हुआ है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुद्दा उठाने के संबंध में 1951-57 के एक पुराने नियम का जिक्र किया है.

लोकसभा अध्यक्ष ने दिया करारा जवाब
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान ने उस समय यह जवाब दिया, जिस समय भारत ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के खिलाफ सीपीए के अध्यक्ष और महासचिव के सामने मामले को पुरजोर तरीके से उठाया.

सुमित्रा महाजन ने कहा, 'हमने (31 स्पीकरों ने) इस विषय की समीक्षा की और हमें लगा कि यह गलत है. हम इस फैसले को खारिज करते हैं. हम सीपीए अध्यक्ष को पत्र लिखकर बता रहे हैं कि अगर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया जाता, तो भारत बैठक में भाग नहीं लेगा या हमारे बैठक में शामिल होने के लिए स्थान बदला जाए.'

'देश की एकता व अखंडता का मामला'
इस फैसले का स्वागत करते हुए जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र गुप्ता ने कहा कि यह देश की एकता और अखंडता का मामला है. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र करार दिया. बैठक में शामिल हुए गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने जान-बूझकर यह किया है और आज का हमारा फैसला उसके लिए कड़ा संदेश है. महाजन ने स्पष्ट किया कि बैठक में लोकसभा अध्यक्ष और भारत की सभी विधानसभाओं के अध्यक्ष शामिल हों, इसके लिए जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करना पड़ेगा या स्थान बदलकर किसी दूसरे देश में बैठक करानी होगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने किसी पुराने नियम का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करने में लाचारी जताई है, जो अब अप्रासंगिक हो गया है. राज्य ने 2007 में इस तरह के सम्मेलन में भाग लिया था.

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पाकिस्तान के फैसले को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई निर्णय लेने से पहले विधानसभा अध्यक्षों से परामर्श करने के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई गई. बैठक में 31 विधानसभाओं के अध्यक्षों ने शिरकत की. इसमें विस्तार से चर्चा के बाद सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया और 61वें अधिवेशन में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के पाकिस्तान के फैसले को एकपक्षीय बताते हुए उसकी निंदा की गई.

गौरतलब है कि भारत के सभी विधानसभा स्पीकर CPA के सदस्य हैं. बैठक पाकिस्तान में ही होने जा रही है. बहरहाल, यह देखना होगा कि भारत के इस रुख पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या होगी.

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