विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने पाकिस्तान के इस दावे को कि अफगानिस्तान में भारत की तुलना में उसकी ज्यादा हिस्सेदारी बनती है, यह कहते हुए खारिज किया है कि यह उसका अपना नजरिया है. उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे को विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगा.
कृष्णा से यह सवाल किया गया था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की इस टिप्पणी पर उनकी क्या राय है कि उनके देश की अफगानिस्तान में भारत की तुलना में ज्यादा भागीदारी बनती है, उन्होंने यह जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है, हमारा अफगानिस्तान के साथ सभ्यता और ऐतिहासिक व्यापार का संबंध है. हम वहां उनके साथ मिलकर निर्माण कार्य कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम उनके बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं और यह अफगानिस्तान के लिए हमारी मूल प्रतिबद्धता है. हम यह काम करते रहेंगे.’ हेडली के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिका खासकर हेडली के मामले की जांच कर रहे संघीय जांच ब्यूरो से किसी आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. हमें हेडली की स्वीकारोक्ति से कोई अचरच नहीं हुआ है.’
जब कृष्णा का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया कि अमेरिका-पाक सामरिक वार्ता के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख और आईएसआई प्रमुख भी शामिल थे, तब उन्होंने कहा कि भारत की नजर इन बातों पर है. 5 अप्रैल को चीन की यात्रा पर जाने वाले कृष्णा ने कहा, कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना है और वह सीमा विवाद जैसे किसी खास मुद्दे पर केंद्रित नहीं है. सीमा विवाद के समाधान के लिए पहले से ही एक तंत्र काम कर रहा है.