अमेरीकी नेशनल इंटेलिजेंस काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार चीन, भारत और रूस से दुनिया में अमरीकी दबदबे को कड़ी चुनौती मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में लोकतंत्र का पश्चिमी मॉडल उतना आकर्षक नहीं रहेगा.
अमेरिकी खुफिया विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार 2025 में ग्लोबल वार्मिग का लाभ रूस को होगा और वह महाशक्ति बन सकता है जबकि तुर्की और इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देशों का प्रभाव दुनिया में बढ़ेगा. नेशनल इंटेलिजेंस काउंसिल की रिपोर्ट में इस संभावना को भी रेखांकित किया गया है कि अगले दो दशकों में डॉलर का महत्व कम हो सकता है और किसी पूर्वी या मध्य यूरोपीय देश में संगठित अपराध छा सकता है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नेताओं को उभरती समस्याओं और चुनौतियों के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए नेशनल इंटेलिजेंस काउंसिल नियमित रूप से इस तरह के वैश्विक रुझान प्रकाशित करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्म होते वायुमंडल से रूस के कृषिकाल में इजाफा होगा. साथ ही उत्तरी तेल क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बन सकती है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाएगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में निवेश में पीछे रहने वहां जारी अपराध और सरकारी भ्रष्टाचार से विश्व की एक बड़ी शक्ति के रूप में रूस के उदय पर बादल छा सकता है. विश्लेषकों ने यह भी आगाह किया है कि रूस जिस तरह के संगठित अपराध से जूझ रहा है, उसी तरह का अपराध किसी पूर्वी या मध्य यूरोपीय देश में छा सकता है जो वहां की सरकार पर भी कब्जा कर सकता है. इस रिपोर्ट में यह भी पूर्वानुमान लगाया गया है कि अरब जगत और पश्चिम एशिया के बाहर स्थित मुस्लिम देशों का भू-राजनीतिक उभार हो सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार बड़ी शक्ति बन कर उभरने वाले इन मुस्लिम देशों में तुर्की और इंडोनेशिया शामिल हो सकते हैं जो नई विश्व व्यवस्था में केंद्रीय भूमिका निभाएंगे. रिपोर्ट में नई विश्व व्यवस्था में ईरान के इसी तरह के उभार का भी कयास लगाया गया है. इस रिपोर्ट में यह भी कयास लगाया गया है कि तेल पर दुनिया की निर्भरता के दिन लद सकते हैं. यही कुछ हाल अमेरिकी डॉलर का भी हो सकता है. डॉलर का महत्व बना रहेगा लेकिन बस इतना कि वह अन्य राष्ट्रीय मुद्राओं के बीच अगली कतार में होगा.