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Valentine's Week में इसरो देगा देश को सबसे बेहतरीन तोहफा, लॉन्च करेगा सबसे ताकतवर टेलीस्कोप

इसरो के सबसे ताकतवर निगरानी सैटेलाइट GiSAT-1 में लगे हैं पांच प्रकार के कैमरे. पहला उपग्रह है जिसे जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में एक ही जगह पर स्थित किया जाएगा. इसका उपयोग रक्षा, आपदा प्रबंधन और निगरानी में किया जाएगा.

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फरवरी के दूसरे हफ्ते में लॉन्च हो सकता है देश का पहला GiSAT-1 सैटेलाइट. (फोटोःISRO)
फरवरी के दूसरे हफ्ते में लॉन्च हो सकता है देश का पहला GiSAT-1 सैटेलाइट. (फोटोःISRO)

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  • फरवरी के दूसरे हफ्ते में हो सकती है लॉन्चिंग
  • हर आधे घंटे में देश को मिलेगी HiRes तस्वीर
  • देश की सीमाओं पर रहेगी आसमान से नजर

फरवरी के दूसरे हफ्ते में आप सिर्फ अपने प्यार का इजहार नहीं करेंगे. इसी हफ्ते में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) भी देश के प्रति अपने प्रेम का सबसे ताकतवर सबूत पेश करेगा. इसरो देश को ऐसा तोहफा देगा जो भविष्य में रक्षा, आपदा प्रबंधन और निगरानी में मदद करेगा. इस सैटेलाइट का नाम है जीआईसैट-1 (GiSAT-1). इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भारत पहली बार यह उपग्रह छोड़ने जा रहा है.

GiSAT-1 उपग्रह जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में एक ही जगह पर स्थित रहकर सिर्फ देश की सीमाओं की निगरानी करेगा. साथ ही हर आधे घंटे में पूरे देश की एक तस्वीर जारी करेगा. वैसे तो GiSAT-1 सैटेलाइट का उपयोग देश के विकास कार्यों के लिए होगा. लेकिन इससे पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर भी लगातार बारीकी से नजर रखी जा सकेगी. पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ और हलचल पर सीधी नजर रखी जा सकेगी. 

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gisat-1_012720023452.jpgGiSAT-1 सैटेलाइट का आर्टिस्टिक इमेज. कुछ ऐसा ही दिखेगा देश का सबसे ताकतवर आसमानी टेलिस्कोप.

इसरो GiSAT सीरीज के दो उपग्रह छोड़ेगा

GiSAT-1 नाम के इस सैटेलाइट की खास बात ये है कि इसमें पांच प्रकार के कैमरे लगे होंगे. इस सैटेलाइट सीरीज में दो उपग्रह छोड़े जाएंगे - GiSAT-1 और GiSAT-2. इसके पहले भी GiSAT-1 को छोड़ने की तारीख की तय नहीं थी. पहले यह जानकारी आई थी कि यह उपग्रह 15 जनवरी के आसपास लॉन्च होना था. लेकिन किसी तकनीकी कारण से इसे टाल दिया गया है.

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GSLV-MK2 रॉकेट से किया जाएगा लॉन्च

इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि दिसंबर महीने में ही सैटेलाइट बेंगलुरु चुका है. उम्मीद है कि यह जल्द ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंच जाएगा. फिर वहीं से इसकी लॉन्चिंग होगी. GiSAT-1 सैटेलाइट की लॉन्चिंग जीएसएलवी-MK2 रॉकेट से होगी.

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हर 30 मिनट पर लेगा देश की तस्वीर

सूत्रों के अनुसार GiSAT-1 में कार्टोसैट सैटेलाइट का ताकतवर पैनक्रोमैटिक कैमरा लगा है. जो हर 30 मिनट में देश की तस्वीर लेगा. इसी तरह बाकी कैमरे भी तस्वीर लेंगे और इसरो सेंटर पर भेजते रहेंगे. फिलहार GiSAT-1 सिर्फ दिन की तस्वीरे ही ले सकेगा. रात में तस्वीरें लेने के लिए इसरो इसी सीरीज का दूसरा सैटेलाइट लॉन्च करेगा.

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आपदाओं में मिलेगी रियल टाइम तस्वीरें

प्राकृतिक आपदाओं के समय में यह सैटेलाइट लगभग रियल टाइम तस्वीरे भेजेगा. ताकि लोगों को बचाने में ज्यादा से ज्यादा मदद हो सके. इस सैटेलाइट में टेलीस्कोप के अलावा लगे चार अन्य कैमरे मौसम, कार्टोग्राफी, आपदा प्रबंधन और ढांचागत विकास कार्यों के लिए काम आएंगे.

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