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AN-32 का सुराग लगाने में जुटा ISRO, 26 घंटे से लापता है विमान

इसके अलावा मैदान में तैनात सैनिक भी विमान का पता लगाने में जुट गए हैं. भारतीय वायुसेना ने कहा कि कुछ रिपोर्टों से संभावित दुर्घटना स्थल के देखे जाने की जानकारी मिली.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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भारतीय वायुसेना का विमान एन32 असम के एयरबेस से उड़ान भरने के बाद से लापता है. वायुसेना के परिवहन विमान एनटोनोव एन32 से आखिरी संपर्क सोमवार दिन में करीब 1 बजे हुआ था. इसके बाद से विमान से किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है. विमान में 13 लोग सवार थे. इनमें 8 क्रू मेंबर और 5 और लोग शामिल हैं.

विमान का पता लगाने के लिए ISRO की मदद ली जा रही है. ISRO सैटेलाइट के जरिए अरुणाचल प्रदेश और असम में विमान का पता लगा रहा है.

अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बामंग फेल्किस ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से हमने सभी पांच एसपी और चीन सीमा के पांच जिले के डीसी को लापता  विमान को खोजने के लिए भारतीय वायुसेना को सहयोग करने के लिए सूचित किया है. अब तक हमें कोई सुराग नहीं मिला है.

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भारतीय वायुसेना ने विमान का पता लगाने के लिए सभी संभव संसाधन लगा दिए हैं. इसमें सी-130जे, सी 130 हरक्यूलिस, सुखोई सू-30 फाइटर जेट शामिल हैं.

इसके अलावा मैदान में तैनात सैनिक भी विमान का पता लगाने में जुट गए हैं. भारतीय वायुसेना ने कहा कि कुछ रिपोर्टों से संभावित दुर्घटना स्थल के देखे जाने की जानकारी मिली.

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IAF लापता विमान का पता लगाने के लिए भारतीय सेना, विभिन्न सरकारी और सिविल एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है. भारतीय सेना के हवाई और जमीनी दलों द्वारा रात से ही सर्च ऑपरेशन जारी है.

एनटोनोव  एन -32 ने असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी और वह अरुणाचल प्रदेश के मेचुका घाटी में स्थित मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था. विमान ने उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद संपर्क खो दिया. मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन सीमा के पास स्थित है.

इससे पहले जुलाई 2016 में भारतीय वायुसेना का एन32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर से लापता हो गया था. इस विमान में 29 लोग सवार थे. विमान चेन्नई में एक एयरबेस से उड़ान भरा था और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए रवाना हुआ था. 

चेन्नई के तांबरम वायुसेना स्टेशन से एएन -32 के उड़ान भरने के लगभग एक घंटे बाद विमान से रडार का संपर्क टूट गया. संपर्क टूटने के बाद विमान का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन लॉन्च किया जो बाद में समुद्र में लापता विमान के लिए भारत का सबसे बड़ा खोजी अभियान बन गया. हालांकि, विमान का पता नहीं लग पाया. सितंबर 2016 को इस अभियान को बंद कर दिया गया.

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