फ्रांस में एक जुलाई से वार गेम्स शुरू होने वाला है. इस वार गेम्स में भारत और फ्रांस की वायु सेनाएं अपनी ताकत की नुमाइश करेंगी. इंडियन एयर फोर्स के ऑफिसर्स सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ फ्रांस के लिए रवाना हो गए हैं. फ्रांस इस वार गेम्स में राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करने वाला है. इस दोस्ताना युद्ध में भारतीय वायुसेना को राफेल की खूबियों और खासियतों को जानने का मौका मिलेगा.
वायुसेना को राफेल फाइटर जेट की डिलीवरी होने में कुछ महीने का वक्त है. लेकिन इससे पहले इंडियन एयरफोर्स के जवानों को इस फाइटर एयरक्राफ्ट की तकनीकी जानकारी मिल जाएगी. इस वार गेम्स यानी की संयुक्त युद्ध अभ्यास में शिरकत करने के लिए 25 जून को इंडियन एयरफोर्स के 120 जांबाज ऑफिसर्स फ्रांस रवाना हो गए हैं. इसमें गरुड़ कमांडो भी शामिल हैं.
फ्रांस की ओर से इस युद्धाभ्यास में राफेल फाइटर जेट्स शामिल होगा. जबकि भारत के जवान सुखोई-30, एमकेआई फाइटर जेट्स, आईएल 78 फाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट और सी-17 स्ट्रैटेजिक एयरक्राफ्ट के साथ शामिल हो रहे हैं. भारत और फ्रांस के बीच वार गेम्स का ये छठा संस्करण है.
इस वार गेम से भारत के ऑफिसर्स को राफेल फाइटर जेट्स की ताकत, खूबियों को जानने का मौका मिलेगा, क्योंकि वे राफेल को अपने आंखों के सामने एक्शन में देखेंगे. माना जा रहा है कि इस साल सितंबर राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा बाकी 36 राफेल विमान को धीरे-धीरे वायुसेना में शामिल किया जाएगा. राफेल विमानों का ये बेड़ा दो स्क्वाड्रन में बांटा जाएगा. इनमें एक को पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात किया जाएगा, जबकि दूसरे स्क्वाड्रन को चीनी चुनौती से निपटने में लगाया जाएगा.
फ्रांस रवानगी से पहले वायु सेना ने एक बयान में कहा, "भारतीय वायुसेना का सुखोई-30 एक युद्ध जैसे माहौल में फ्रांस एयर फोर्स के राफेल एयरक्राफ्ट के साथ मुकाबला करेगा, इससे दोनों एयरफोर्स की सेनाओं को एक दूसरे की युद्ध शैली, उनकी खासियतों को समझने का मौका मिलेगा. बता दें कि राफेल युद्धक विमान भारत के रणक्षेत्र ही नहीं राजनीति में भी हॉटकेक रहे हैं. 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने राफेल सौदे में हुई कथित अनियमितता के मुद्दे पर ही लड़ा था.