भारतीय एयरफोर्स के हमले के बाद जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने जवाब में भारत में बम फेंके, तो काफी मुश्किलें हुई थीं. पाकिस्तान ने जो बम फेंके थे वो फटे नहीं थे, अब ऐसी परिस्थिति में भारत को ये रोबोट मदद करेंगे. वायुसेना जल्द ही इन्हें खरीद सकती है.
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सूत्रों की मानें, अभी इस रोबोट को भारतीय वायुसेना में शामिल करने पर पूरी तरह फैसला नहीं हुआ है. लेकिन एयरफोर्स की ओर से इसके कई ट्रायल किए जा चुके हैं. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है, जिसका प्रदर्शन लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में किया गया है.
डीआरडीओ के वैज्ञानिक आलोक मुखर्जी ने इस रोबोट पर चर्चा करते हुए कहा, ‘भारतीय वायुसेना के साथ हमने इस रोबोट के कई ट्रायल किए हैं, कई लोकेशन पर बम डिफ्यूज़ करने की प्रैक्टिस भी की गई है’. इन रोबोट को एक मोबाइल सेंटर के जरिए कंट्रोल किया जाएगा, यानी बम डिफ्यूज़ के लिए मानवीय क्षमता की जरूरत नहीं होगी.
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इस रोबोट की खासियत ये है कि इसे दो किमी. दूर से कंट्रोल किया जा सकता है. इसे कंट्रोल करने वाला व्यक्ति आसानी से बम की पहचान कर सकता है और उसे डिफ्यूज़ कर सकता है. गौरतलब है कि अबतक बम डिफ्यूज़ करने के लिए मानवीय बम दस्ते का इस्तेमाल होता था, जिसमें जान जाने का खतरा बना रहता था. लेकिन अगर ये रोबोट वायुसेना को मिलता है तो ये खतरा टल सकता है.