पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में लगातार जासूसी करा रही है. इसमें जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है. इसके लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया जा रहा है. जासूसी के आरोप में अरेस्ट एक ऐसे ही एयरमैन (एयरफोर्स का जवान) की कहानी सामने आई है, जो चौंकाने वाली है. आखिर कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी लेडी एजेंट के जरिए भारतीय सेना के जवानों को बहला-फुसला कर मजबूर कर रही हैं.
सोशल मीडिया संपर्क करने का जरिया
2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था. बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था. उसे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था. उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था. इसी छानबीन में पता चला है कि मामले की शुरुआत फेसबुक चैटिंग से हुई थी.
मेल टुडे को फेसबुक पर हुए चैट का डिटेल मैसेज हाथ लगा है जिसमें रंजीत पाकिस्तान की लेडी एजेंट से संपर्क में था. पाकिस्तानी एजेंट उससे फेक फेसबुक अकाउंट McNaught Damini के जरिए बातचीत करती थी.
कैसे लेडी एजेंट ने रंजीत को फंसाया
रक्षा विश्लेषण क्षेत्र में काम करने का दावा करने वाली दामिनी (पाकिस्तानी महिला एजेंट) ने रंजीत को जॉब ऑफर करने के बहाने संपर्क किया. इसी कड़ी में उसने रंजीत से कहा आपको- विभिन्न एयर फोर्स स्टेशनों के लिए सैन्य टुकड़ी मूवमेंट पर नजर रखना होगा. साथ ही लड़ाकू विमानों की सूचना और उनकी संख्या के बारे में बताने के लिए कहा गया था.
दोनों के बीच बातचीत फेसबुक, स्काइप और व्हाट्सएप पर हुई थी. इस दौरान रंजीत ने ऐसी कई गुप्त जानकारियां दमिनी को दे दीं, जो सेना के लिहाज से अहम थीं.
एयरफोर्स जवान ने खोले कई सीक्रेट
इस बातचीत के दौरान एयर फोर्स जवान ने विमानों की सटीक संख्या जैसे जगुआर, सुखोई 30 और एडब्ल्यूएसीएस के एक अभ्यास में भाग लेना आदि का खुलासा किया. पठानकोट, अमृतसर, आगरा, अंबाला, श्रीनगर आदि से बठिंडा को स्क्वाड्रनों की आवाजाही के बारे में भी बताया.
रंजीत की मजबूरी का उठाया फायदा
रंजीत 2010 से सेवा में थे. सोशल साइट पर हुई बातचीत से पता चलता है कि कैसे रंजीत लेडी एजेंट के सामने अपनी मजबूरी की कहानी बताते गया और जाल में फंसता गया. रंजीत ने दामिनी को बताया कि सेना में शामिल होना जरूरी था, पर यह उसकी पसंद नहीं थी. रंजीत ने बताया कि पिता की अचानक मौत हो गई थी. घर में कोई कमाने वाला नहीं था . कहा था, "सिर्फ मैं और मेरी मां ही थे. मेरी एक बहन है जिसकी शादी हो गई है. पिता की मृत्यु हो जाने के बाद मुझे तुरंत नौकरी चाहिए थी. इसी कारण से मैं सेना में शामिल हो गया.''
सैलरी से खुश नहीं था एयर फोर्स जवान
रंजीत ने दामिनी को यह भी लिखा था कि नौकरी में मिल रही सैलरी से मैं खुश नहीं हूं, क्योंकि सैलरी बहुत कम थी. दामिनी को उनके लिए लंदन में नौकरी की तलाश करने के लिए भी कहा था. मैसेज के मुताबिक रणजीत ने कहा था- "मैं यहां तंग आ गया हूं, ये मेरे लिए पर्याप्त नहीं है. इस सैलेरी से मैं घर की जरूरत को भी पूरा नहीं कर सकता. मेरे पिता को घर बनाने का सपना था, इसे पूरा करने में कई साल लगेंगे.'
रंजीत ने दामिनी को जॉब को लेकर हुए इंटरव्यू के बारे में भी बताया था. इंटरव्यू में मंगीत नामक शख्स से रंजीत की बातचीत स्काइप से हुई थी. मंगीत पाकिस्तान का था. इस बात का पता चलने पर रंजीत ने दामिनी से कहा था, 'परेशानी यह है मुझे लगता है कि वह (मंगीत) पाकिस्तान से हैं. मुझे परेशानी में मत डालो. मैं छोटे सपने देखने वाला एक साधारण व्यक्ति हूं.'' इस पर दमिनी ने उसे फिर बहला लिया था. कहा था- 'वह (मंगीत) पाकिस्तान से नहीं है. आपको पता रहे कि पाकिस्तान से हमारे ऑफिस में कोई नहीं है.''
रंजीत के काम करने का कोड था 'मैरिज प्लान'
जब रंजीत पूरी तरह से काम करने के लिए राजी हो गया तो दामिनी ने पाकिस्तान में बैठे अपना आकाओं से इस बात को कन्फर्म किया था. इसके लिए दामिनी ने "मैरिज प्लान" कोड का इस्तेमाल किया था जो कि इस बात की पुष्टि के लिए था कि रणजीत साथ काम करेगा.
क्या हुई थी डील?
दामिनी ने उसे पेमेंट के बारे में बताया था. इसके मुताबिक रंजीत को शुरू में 550 अमरीकी डॉलर से लेकर 600 अमरीकी डॉलर तक मिलता. कुछ अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त भुगतान की भी बात कही गई थी. इसके लिए भुगतान कम से कम 5000 अमरीकी डॉलर से लेकर 10,000 डॉलर तक अलग-अलग होगा.
रंजीत को रिश्तेदार के नाम पर बैंक डिटेल्स देने की सलाह दी गई थी. दमिनी ने कहा, 'यह आपका वेतन खाता है और वर्तमान खाते से अलग होना चाहिए जिससे कि कोई भी संदेह न करे.'
क्या हैं रंजीत पर आरोप
रंजीत को जासूसी के आरोप में अरेस्ट किया गया है. उस पर गुप्त सूचनाओं को लीक करने का आरोप लगा है. मुकदमा चल रहा है.