भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है. अवॉर्ड जीतने के बाद उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है. मौजूदा डेटा से यह आश्वासन नहीं मिलता कि अर्थव्यवस्था की सेहत में जल्द सुधार आएगा.
उन्होंने एक बयान में कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है. मौजूदा विकास दर के आंकड़ों से यह आश्वासन नहीं मिलता कि इसमें जल्द सुधार आएगा.' हालांकि अब भारत सरकार को भी लगने लगा है कि सचमुच अर्थव्यवस्था की हालत खराब है.
आंकड़े भरोसा नहीं जगाते
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बनर्जी ने कहा कि मौजूद समय में उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति में जल्द कोई सुधार होगा, उन्होंने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति अस्थिर है. मौजूदा (विकास) के आंकड़ों को देखने के बाद, इसके बारे में निश्चित नहीं हूं (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार). अमेरिका में मौजूद अभिजीत ने कहा, "पिछले 5-6 साल में हमने कुछ विकास देखा था, लेकिन अब यह भरोसा भी जा चुका है."
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अमेरिका में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'पिछले 5-6 साल में हमने थोड़ी ग्रोथ देखी, लेकिन अब वह आश्वासन भी नहीं रहा.' अभिजीत बनर्जी ने कहा, "भारत में बहुत बड़ी लड़ाई चल रही है कि किसका डेटा सही है और सरकार का एक विशेष दृष्टिकोण है कि जो उसके लिए असुविधाजनक है, वह गलत है. लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि कुछ समस्या है जिसे सरकार मान रही है. अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत तेजी से धीमी हो रही है. यह रफ्तार कितनी धीमी है, हमें पता नहीं है.''
चेतावनी भरा संकेत
भारत में अर्थव्यवस्था की स्थिति और उसके भविष्य के बारे में उनकी राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "भविष्य में क्या होगा, मौजूदा राय इसके बारे में नहीं है. लेकिन अभी जो चल रहा है, उसके बारे में मेरी यही राय है."
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नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़ों का हवाला देते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा कि 2014-15 और 2017-18 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपभोग में कमी आई है. यह पहली बार है जब कई कई वर्षों में ऐसा हुआ है तो यह बहुत ही चेतावनी भरा संकेत है."
58 साल के अर्थशास्त्री बनर्जी, उनकी पत्नी इश्तर डूफलो (46) और माइकल केमर को संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है. बनर्जी ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि करियर में इतनी जल्दी नोबेल पुरस्कार मिलेगा. बनर्जी मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स हैं. उन्होंने कहा, मैं पिछले 12 साल से इस पर रिसर्च कर रहा था. गरीबी खत्म करने को लेकर हम समाधान खोज रहे थे.