चीन के चेंगदू शहर में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहा सातवें दौर का आतंकवाद निरोधक सैन्य अभ्यास शनिवार को समाप्त हो गया. इस दौरान दोनों देशों के 100 से अधिक सैनिकों ने अभ्यास किया. इस वर्ष ‘हैंड इन हैंड’अभ्यास का मुख्य जोर शहरी आतंकवाद पर था और यह महत्वपूर्ण था क्योंकि इसका आयोजन एक वर्ष के अंतराल पर हुआ. यह अभ्यास पिछले वर्ष नहीं हुआ था क्योंकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध रहा था.
यह विशेष अभ्यास वुहान में इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई शिखर बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के संबंध सुधारने के लिए बनी सहमति के अनुरूप किया गया. इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की मिलीजुली टीमों ने 11 दिसम्बर से सात दौर के अलग अलग आतंकवाद निरोधक अभ्यासों का प्रदर्शन किया. 2016 में यह अभ्यास पुणे में हुआ था जिसमें गैर शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद निरोधक अभ्यासों पर जोर दिया गया था.
क्या है डोकलाम विवाद
डोकलाम इलाके को डोंगलांग नाम देते हुए चीन इसे अपना हिस्सा बताता है, जबकि भूटान इस पर अपना अधिकार मानता है. साल 2017 में जुलाई-अगस्त के दौरान सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में भारत और चीनी सेनाएं 2 महीने से भी ज्यादा समय से आमने-सामने रहीं. यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.
भारत की चिंता यह है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा. दो महीने के गतिरोध के बाद आखिर चीन ने वहां सड़क निर्माण रोक दिया था. तब इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना गया था.