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Aero India 2019: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने तेजस विमान में भरी उड़ान

यह पहला मौका है जब किसी सेना प्रमुख ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो. सेना प्रमुख लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के टू सीटर विमान में पीछे बैठे नजर आए. इस दौरान उन्होंने तेजस की खूबियों को भी जाना.

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बेंगलुरु में चल रहे 'एयरो इंडिया 2019' में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी. यह पहला मौका है जब किसी सेना प्रमुख ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो. सेना प्रमुख लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के टू सीटर विमान में पीछे बैठे नजर आए. इस दौरान उन्होंने तेजस की खूबियों को भी जाना. बताया जा रहा है कि भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. पीएस राघवन ने भी तेजस एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी.

100 से ज्यादा विमान ले रहे हैं हिस्सा...

24 फरवरी तक चलने वाले एयरो इंडिया 2019 शो में दुनिया भर से 100 विमान शामिल होने वाले हैं. इनमें अमेरिका की बोइंग से लेकर फ्रांस के राफेल विमान तक शामिल हैं. इनके अलावा ए330-900, एयरबस सी295, एच145 हेलिकॉप्टर और एयरबस एच135 जैसे विमान भी शो में अपने जौहर दिखा रहे हैं.

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तेजस का तेज़ चीन के जेएफ-17 से कहीं ज्यादा!

खूबियों की बात करें तो ये 50 हजार फीट तक उड़ सकता है. दुश्मन पर हमला करने के लिए इसमें हवा से वार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है, तो जमीन पर निशाने लगाने के लिए आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगे हुए हैं. ताकत की बात करें तो पुराने मिग 21 से कही ज्यादा आगे है और मिराज 2000 से इसकी तुलना कर सकते हैं. तेजस विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखता है. एक बार में यह 3000 किलोमीटर की दूरी तय करता है. इस विमान के निचले हिस्से में एक साथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं. जिनमेंहवा से पानी पर हमला करने वाली मिसाइल, हवा से धरती पर वार करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में दूसरे लड़ाकू विमानों को मारने वाली लेजर गाइडेड मिसाइल, रॉकेट और बम शामिल हैं.

चीन और पाकिस्तान के साक्षा उपक्रम से बने जेएफ-17 से कहीं ज्यादा बेहतर है. तेजस का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जबरदस्त है और कलाबाजी में इसका कोई सानी नहीं है. यकीनन  देर से सही इसके वायुसेना में शामिल होने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और देसी होने की वजह से इसके किसी भी चीज के लिए किसी दूसरों का मोहताज नहीं होना होगा. तेजस विमान को बनाने में तीन दशकों का समय लगा है. इस विमान ने अपनी पहली उड़ान 4 जनवरी 2001 को भरी थी और तब से अब तक इसके ढाई हजार से अधिक उड़ान परीक्षण किए जा चुके हैं. इस लड़ाकू विमान को ‘तेजस’ नाम हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था.

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एयर शो के पहले हुआ था हादसा...

मालूम हो कि बेंगलुरु के येलहांका एयरपोर्ट पर एयरशो के ठीक एक दिन पहले सूर्यकिरण टीम के दो हॉक विमान आपस में टकराकर क्रैश हो गए थे. इस हादसे में पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी की मौत हो गई थी.

यह हादसा उस वक्त हुआ जब दोनों एयरक्राफ्ट रिहर्सल के दौरान उड़ान भर रहे थे. आसमान में एक दूसरे को क्रॉस करने हुए दोनों विमान आपस में ही टकरा गए. इससे दोनों विमान क्रैश हो गए और उनमें आग लग गई.

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