सीमा पर बढ़ती चुनौतियों के बीच लगातार भारतीय सेना अपना किला मजबूत कर रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को सेना को कुछ ऐसे हथियार मिले, जिससे दुश्मन हिल सकता है. शुक्रवार को सेना के बेड़े में 'के. 9 वज्र (कोरियन) और एम 777 होवित्जर (अमेरिकन)' तोप शामिल हो गईं. इससे भारतीय सेना की आर्टिलरी क्षमता बढ़ेगी.
इन उपकरणों को शामिल करने के लिए नासिक के देवलाली तोपखाना केंद्र में शुक्रवार को एक समारोह में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख बिपिन रावत मौजूद रहे. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, 'चार साल की छोटी अवधि में हमने दो आधुनिक तोपें सेना के बेड़े में शामिल की है. इसका श्रेय मौजूदा सरकार को जाता है. एम 77 होवित्जर तोप अमेरिका द्वारा तैयार की गई है. अभी तक भारत को 25 तोपें मिली हैं. जल्द ही 120 तोपें और मिल जाएंगी.' उन्होंने कहा कि हम कोरिया की मदद से भारत में इसका उत्पादन करेंगे. शुरुआती 10 तोपें भारत में ही असेंबल की गई हैं.
#WATCH Nasik: The M777 Ultra Light Howitzer which was inducted in the Army recently,in action. Defence Minister Nirmala Sitharaman and Army Chief General Bipin Rawat were also present on the occasion pic.twitter.com/2eZgP28QHb
— ANI (@ANI) November 9, 2018
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘‘के. 9 वज्र’’ को 4,366 करोड़ रुपये की लागत से शामिल किया जा रहा है, यह कार्य नवंबर 2020 तक पूरा होगा. कुल 100 तोपों में 10 तोपें प्रथम खेप के तहत इस महीने आपूर्ति की जाएगी. अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और फिर 50 तोपों की आपूर्ति नवंबर 2020 में की जाएगी. के. 9 वज्र की प्रथम रेजीमेंट जुलाई 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है.
यह ऐसी पहली तोप है जिसे भारतीय निजी क्षेत्र ने बनाया है. इस तोप की अधिकतम रेंज 28 - 38 किमी है. यह 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है और यह तीन मिनट में 15 गोले दाग सकती है. थल सेना ‘‘145 एम 777 होवित्जर’’ की सात रेजीमेंट भी बनाने जा रही है.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सेना को इन तोपों की आपूर्ति अगस्त 2019 से शुरू हो जाएगी और यह पूरी प्रक्रिया 24 महीने में पूरी होगी. प्रथम रेजीमेंट अगले साल अक्टूबर तक पूरी होगी. इस तोप की रेंज 30 किमी तक है, इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए वांछित स्थान तक ले जाया जा सकता है.
बता दें कि करीब 3 दशक पहले भारतीय सेना को बोफोर्स जैसी तोप मिली थी. जिसने सेना की ताकत बढ़ाई थी, हालांकि बोफोर्स का नाम हमेशा ही राजनीति की गलियों में घूमता रहा है.
के9 वज्र के अलावा एम 777 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप भी सेना के बेड़े में शामिल हो रहा है. यह प्रोजेक्ट 5000 करोड़ रुपये का है, भारतीय सेना की आर्टीलरी रेजीमेंट में वर्ष 2021 तक कुल 145 एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर शामिल होंगी. इसका वजन केवल 4.2 टन है.